महाराष्ट्र: सत्ता में एकसाथ, रायगड में मारपीट, शिंदे-अजित पवार गुट के कार्यकर्ता आपस में भिड़े
Maharashtra Civic Polls: अजित पवार और शिंदे गुट के विकास गोगावले के समर्थकों ने सुशांत जाबरे के समर्थकों की कई गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की. सुशांत जाबरे के समर्थकों ने विकास गोगावले को पिस्टल दिखाई.

महाराष्ट्र में महायुति में शामिल शिवसेना एकनाथ शिंदे और एनसीपी अजित पवार गुट की गठबंधन की सरकार है, रायगड में दोनों दलों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ते दिखाई दिए. दरअसल, रायगड जिले की महाड नगरपरिषद के लिए मंगलवार (2 दिसंबर) मतदान हो रहा है. इसी दौरान एकनाथ शिंदे गुट के विकास गोगावले और अजित पवार गुट के सुशांत जाबरे के समर्थकों के बीच जबरदस्त मारपीट होने की जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि सुशांत जाबरे और उनके अंगरक्षक की भरत गोगावले के पुत्र विकास गोगावले के समर्थकों ने जमकर पिटाई की.
विकास गोगावले के समर्थकों ने सुशांत जाबरे के समर्थकों की कई गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की. इसके चलते महाड में तनाव का माहौल बन गया है. पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
प्राथमिक जानकारी के अनुसार, यह मारपीट महाड के ‘नवे नगर’ क्षेत्र में हुई. सुशांत जाबरे ने चुनाव से ठीक पहले शिंदे गुट छोड़कर अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस में प्रवेश किया था. मंगलवार (2 दिसंबर) की सुबह महाड नगरपरिषद के मतदान की शुरुआत हुई, जहां कई जगह ईवीएम मशीनें बंद पड़ी थीं.
इसी दौरान गोगावले और जाबरे समर्थक कुछ मतदान केंद्रों पर इकट्ठा हो गए, जहां बहस ने जल्दी ही उग्र रूप ले लिया और मारपीट शुरू हो गई. गोगावले समर्थकों ने पथराव कर जाबरे समर्थकों की गाड़ियों के कांच फोड़ दिए.
सुशांत जाबरे के समर्थकों ने कथित रूप से विकास गोगावले को रिवॉल्वर दिखा दी, जिससे मामला और बिगड़ गया. बताया जा रहा है कि इसके बाद विकास गोगावले रिवॉल्वर लेकर थाने पहुंच गए. अब पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है, यह देखना होगा.
गोगावले-तटकरे विवाद क्या है ?
राज्य में महायुती सरकार आने के बाद से ही पालकमंत्री पद को लेकर भरत गोगावले और सुनील तटकरे के बीच लगातार विवाद चल रहा है. दोनों एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को तोड़ने की कोशिश करते रहे हैं. इससे उनके बीच की दुश्मनी और गहरी हो गई है. यही संघर्ष मंगलवार (2 दिसंबर) के मतदान में खुलकर सामने आया.
विवाद के बाद सुनील तटकरे ने मीडिया से बात की और कहा, “चुनाव में शांति बनाए रखना हमारा कर्तव्य है. मंगलवार की सुबह से कुछ युवा नेता मतदान केंद्रों में जाकर आरओ से बहस कर रहे हैं. मतदान केंद्र में जाने का अधिकार केवल अधिकृत उम्मीदवार और उनके प्रतिनिधियों को होता है. लेकिन विकास गोगावले केंद्रों के अंदर जा रहे थे.”
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Source: IOCL






















