एकनाथ शिंदे, अजित पवार समेत कई नेताओं की बढ़ेंगी मुश्किलें? राज्य निर्वाचन आयोग ने DM से मांगी रिपोर्ट
Maharashtra Nikay Chunav: महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने लुभावने वादे वाले बयान देने वाले 20 नेताओं पर रिपोर्ट मांगी है. इसमें डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजीत पवार का नाम शामिल है.

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे, अजित पवार, गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाठ, जयकुमार गोरे, चित्रा वाघ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल इन नेताओं को चुनाव प्रचार के दौरान लुभावने बयान देना महंगा पड़ सकता है. इलेक्शन कमीशन ने राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान लुभावने बयान देने वाले 20 नेताओं के बयानों पर ध्यान दिया है.
इस बीच स्टेट इलेक्शन कमीशन ने उन जगहों के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से तुरंत रिपोर्ट मांगी है, जहां संबंधित नेताओं ने लुभावने वादे वाले बयान दिए हैं. गुलाबराव पाटिल ने चुनाव के दौरान कहा कि लक्ष्मी का दर्शन होगा. दूसरी ओर एकनाथ शिंदे का खजाने की चाबी देने का बयान और चित्रा वाघ का बयान कि लोग किसी का भी नमक खा लेंगे लेकिन कमल का बटन ही दबाएंगे.
इस बयान की वजह से बढ़ेंगी एकनाथ शिंदे की मुश्किलें
वहीं डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भी अपने लुभावने बयानों की वजह से निशाने पर हैं. शिंदे ने कहा था कि खजाने की चाबी उनके पास है. उनके इस बयान पर भी विपक्ष ने बवाल काटा था. इसी बयान की वजह शिंदे के खिलाफ भी रिपोर्ट मांगी गई है.
चुनाव प्रचार में जनता को लुभाने के लिए दिए कई बयान
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार भी चुनावी सभाओं में जनता को साधने और लुभाने के लिए इस तरह के कई बयान देते रहे हैं. इस बीच उनके बयानों पर भी अब शिकंजा कसा जा रहा है. फिलहाल नेताओं को लुभावने बयान देना अब महंगा साबित होता दिख रहा है.
गुलाबराव पाटिल ने दिया था ये लुभावना बयान
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गुलबाराव की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उन्होंने हाल ही में अपने भाषण में लोगों को लुभाते हुए कहा था कि लक्ष्मी आने वाली है, इसलिए बाहर खाट पर सोना चाहिए. मंत्री के इस बयान को विपक्ष ने चुनावों से जोड़ दिया था. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि उनका इस बयान से अवैझ पैसे बांटने से है.
इस बयान की वजह से चर्चा में हैं बीजेपी विधायक चित्रा वाघ
बीजेपी विधायक चित्रा वाघ भी अपने बयानों की वजह से लगातार सुर्खियों में रहती हैं. इस बीच उन्होंने भी इस तरह के एक बयान दिया था, जिसमें लोगों को लुभाने के लिए वह कह रही हैं कि लोग किसी का भी नमक खा लेंगे, लेकिन बटन कमल का ही दबाएंगे.
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और विधायक अब इस तरह के बयानों की वजह से मुश्किलों में फंस सकते हैं. फिलहाल राज्य चुनाव आयोग की तरफ से उन जिलों के डीएम से रिपोर्ट मांगी गई है, जहां पर इन सभी नेताओं ने लुभाने के लिए बयान दिए थे.
Source: IOCL






















