BMC चुनाव के ऐलान के बाद अब ठाकरे बंधुओं के गठबंधन की आहट, जल्द हो सकता है बड़ा फैसला
BMC Election 2025: बीएमसी चुनाव की घोषणा के बाद, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन की चर्चा तेज हो गई है. सीट बंटवारे पर बातचीत जारी है, जिसका उद्देश्य मराठी वोटों को एकजुट करना है.

BMC चुनाव के तारीखों का ऐलान होते ही महाराष्ट्र में सियासी पारा हाई हो गया है. मुंबई में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन को लेकर बातचीत तेज हो गई है. दोनों भाई बीएमसी चुनाव में साथ आने और सीट-शेयरिंग पर सहमति बनाने की दिशा में आगे बढ़ते दिख रहे हैं. अगले दो से तीन दिनों में दोनों भाई मिलकर गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं.
बीएमसी चुनावों की औपचारिक घोषणा के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन और सीट-शेयरिंग को लेकर गंभीर चर्चा शुरू होने की जानकारी सामने आई है. चुनावी माहौल बनते ही ठाकरे बंधुओं की रणनीति पर सियासी हलकों की नजरें टिक गई हैं. इसी कड़ी में शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने राज ठाकरे के निवास पर मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, 18 दिसंबर या उससे पहले दोनों भाई बीएमसी चुनाव के लिए गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर सकते हैं.
सीट-शेयरिंग फॉर्मूले पर मंथन जारी
जानकारी के अनुसार, दोनों दल मुंबई में मराठी वोटों के बिखराव को रोकने और मजबूत चुनावी चुनौती पेश करने के उद्देश्य से व्यावहारिक फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं. वार्ड स्तर पर प्रभाव, पिछले चुनावों के आंकड़े और जमीनी संगठन की ताकत को ध्यान में रखते हुए सीटों के बंटवारे पर मंथन चल रहा है. माना जा रहा है कि MNS को उन क्षेत्रों में प्राथमिकता दी जा सकती है जहां उसका पारंपरिक प्रभाव रहा है. वहीं शिवसेना (यूबीटी) अपने मजबूत गढ़ों पर फोकस बनाए रखते हुए रणनीति तय कर रही है. यह तालमेल दोनों दलों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है.
राजनीतिक असर और आगे की तस्वीर
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद सीट-शेयरिंग पर तेज बातचीत इस बात का संकेत है कि दोनों पक्ष समय गंवाना नहीं चाहते. हालांकि अभी तक किसी भी दल की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
इस संभावित तालमेल का असर विपक्षी गठबंधन पर भी पड़ सकता है. कांग्रेस की भूमिका को लेकर सवाल बने हुए हैं, जबकि BJP और सत्तारूढ़ गठबंधन की रणनीति भी इस संभावित गठजोड़ के मद्देनज़र बदली जा सकती है. बीएमसी की सत्ता मुंबई की राजनीति में निर्णायक मानी जाती है, ऐसे में हर दल पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है.
फिलहाल, सीट-शेयरिंग का अंतिम फॉर्मूला और गठबंधन की औपचारिक घोषणा का इंतजार है. यदि राज और उद्धव ठाकरे सहमति पर पहुंचते हैं, तो बीएमसी चुनाव न सिर्फ बेहद रोचक होंगे, बल्कि महाराष्ट्र की सियासत में एक नया अध्याय भी लिख सकते हैं.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























