Aurangzeb Row: गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट पहुंचे थे अबू आजमी, अब आया ये बड़ा आदेश
Abu Azmi Statement on Aurangzeb: अबू आजमी को सेशंस कोर्ट ने आदेश दिया है कि वह सबूतों से छेड़छाड़ न करें. साथ ही जांच अधिकारी के सामने तीन दिन उपस्थित करने को कहा है.

सपा विधायक अबू आजमी को मंगलवार (11 मार्च) को अग्रिम जमानत मिल गई. औरंगजेब पर दिए बयान पर विवाद होने के बाद आजमी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई सेशंस कोर्ट का रुख किया था. पिछले दिनों अबू आजमी ने विधानसभा के परिसर मे औरंगजेब को लेकर विवादित बयान दिया था जिसका भारी विरोध हुआ था. सपा विधायक के बयान के बाद मुंबई पुलिस ने BNS की धारा 299, 302 , 356 (1), 356(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
कोर्ट ने दिया आदेश
अब दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अबु आज़मी को 20 हजार का सॉल्वेंट श्योरिटी बॉन्ड देने को कहा है. उन्हें जांच अधिकारी के सामने 12,13 और 15 मार्च को सुबह 11 से दोपहर 1 के बीच उपस्थित रहने को कहा गया. इसके अलावा उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ ना करने को भी कहा गया है.
अबू आजमी ने छत्रपति संभाजी महाराज को दी श्रद्धांजलि
इस बीच मंगलवार (11 मार्च) को अबू आजमी ने छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक वीर योद्धा बताया. मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज ने पुर्तगालियों और मुगलों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया था और संगमेश्वर में उन्हें पकड़कर मार दिया गया था.
आजमी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘स्वराज्य के दूसरे छत्रपति वीर योद्धा धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज के शहादत दिवस पर मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.’’
26 मार्च को किया गया था निलंबित
पिछले सप्ताह सपा के विधायक को औरंगजेब की प्रशंसा में की गई टिप्पणी के कारण 26 मार्च को महाराष्ट्र विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र के समाप्त होने तक सदन से निलंबित कर दिया गया था. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विधानसभा में कहा था कि औरंगजेब की प्रशंसा छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके योद्धा पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान है, क्योंकि दोनों महाराष्ट्र में पूजनीय व्यक्ति हैं.
अबू आजमी ने क्या कहा था?
आजमी ने उन्हें विधानसभा से निलंबित करने की कार्रवाई को उनके साथ अन्याय बताया और कहा कि टिप्पणी वापस लेने के बावजूद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई. सपा नेता ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत की सीमा अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमा) तक थी. विधायक ने दावा किया, ‘‘हमारा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) (विश्व जीडीपी का) 24 प्रतिशत था और भारत को (औरंगजेब के शासनकाल के दौरान) सोने की चिड़िया कहा जाता था.’’
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Source: IOCL























