महाराष्ट्र के पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस की बीएमसी को नसीहत- कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाएं, इसके बिना जीतना मुश्किल
फडणवीस लगातार बीएमसी पर आरोप लगा रहे थे कि टेस्ट की संख्या कम है. इसके बाद बीएमसी ने इस पर सफाई थी. बीएमसी के आंकड़ों की ही आधार बनाकर पूर्व सीएम ने निशाना साधा है.

मुंबई: मुंबई देश में एक तरह से कोरोना कैपिटल बना हुआ है. पिछले कई दिनों से नए आंकड़ों में कमी आ रही थी. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बीएमसी पर कम टेस्टिंग के आरोप लगा रहे थे. बीएमसी ने सफाई भी दी थी. अब फडणवीस बीएमसी के आंकड़ों को ही आधार बनाकर घेर रहे हैं और टेस्टिंग बढ़ाने की नसीहत दे रहे हैं.
भारत अब दुनिया के कोरोना वायरस प्रभावित शीर्षतम देशों में शुमार है. भारत में सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में हैं. उसमें भी मुंबई ने हॉटस्पॉट का दर्जा पाया हुआ है. मुंबई का कोई कोना इलाका नहीं बचा है जहां कोरोना वायरस न हो उस पर भी अनलॉक की प्रक्रिया है जिसके बाद बीमारी और फैलने का डर है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से देखने को मिल रहा था कि बीएमसी की तरफ से जारी किए जाने वाले पॉजिटिव केस की संख्या में गिरावट दिख रही थी. बीएमसी अपनी पीठ थपथपा रही थी. देवेंद्र फडणवीस ने बीएमसी पर कम टेस्टिंग का आरोप लगाया. बीएमसी ने आरोप लगने के तुरंत बाद अपनी तरफ से सफाई में कुछ आंकड़े भी जारी कर दिए. अब फडणवीस उन आंकड़ों को ही आधार बनाकर बीएमसी पर निशाना साधा है.
देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि मुंबई में पर्याप्त कोरोना परीक्षण के बारे में नगर निगम ने एक बयान जारी किया. इसके मुताबिक पहले एक लाख टेस्ट में 91 दिन लगे. इसका औसत 1098 टेस्ट प्रतिदिन रहा. इसके बाद दो लाख टेस्ट के लिए 25 दिन लगे. तीन लाख के लिए और 25 दिन लगे. यानी हर रोज केवल चार हजार टेस्ट हुए. उन्होंने कहा कि 25 जून से 8 जुलाई तक 13 दिनों में 74 हजार 142 टेस्ट हुए. इस हिसाब से हर रोज 5703 टेस्ट हुए.
फडणवीस ने कहा कि मुंबई में 89 हजार 124 लोगों का टेस्ट किया गया जबकि कुल टेस्ट में से 24 फीसदी पॉजिटिव थे. जबकि दैनिक परीक्षणों की संख्या इतनी कम थी. उन्होंने कहा कि इस पर ध्यान दें. टेस्ट को बढ़ाए बिना कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीतना मुश्किल है.
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