Ujjain Mahakal Shiv Navratri: 9 दिनों तक दूल्हे के रूप में दर्शन देते हैं महाकाल, निभाई जाती है ये अनूठी परंपरा
Mahakal Shiv Navratri 2022: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में अनूठी परंपरा निभाई जाती है. शिव नवरात्रि पर्व के दौरान भगवान महाकाल का दूल्हे के रूप में श्रृंगार किया जाता है.

Mahakal Shiv Navratri: 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में अनूठी परंपरा निभाई जाती है. शिव नवरात्रि पर्व के दौरान 9 दिनों तक भगवान महाकाल को अलग अलग स्वरूप में दूल्हा बनाया जाता है. भगवान महाकाल का दूल्हे के रूप में आशीर्वाद लेने देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. भगवान महाकाल उमा महेश, चंद्रमौलेश्वर, मन महेश सहित अलग-अलग रूपों में दर्शन देते हैं. पंडित आशीष पुजारी के मुताबिक महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियां एक महीने पहले से शुरू हो जाती हैं. शिव नवरात्रि के दौरान भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
9 दिनों तक महाकाल देते हैं दूल्हे के रूप में दर्शन
मान्यता है कि शिव आराधना से वंचित रहनेवाले भक्त मात्र 9 दिनों तक राजाधिराज भगवान महाकाल की आराधना कर साल भर के पुण्य हासिल कर सकते हैं. यही वजह है कि शिव नवरात्रि के पर्व का काफी महत्व माना गया है. भगवान महाकाल को सूखे मेवे, भांग आदि से सजा कर दूल्हा बनाया जाता है. दूल्हा बनाने से पहले विवाह समारोह की सारी परंपराओं का पालन किया जाता है. भगवान महाकाल को हल्दी का उबटन लगाया जाता है.
साल भर में केवल एक बार निभाई जाती है परंपरा
इसके अलावा चंदन लगाकर स्नान कराया जाता है. ये परंपरा साल भर में केवल एक बार ही निभाई जाती है. पंडे पुजारियों के साथ-सथ श्रद्धालुओं में भी इन परंपराओं को लेकर काफी उत्साह रहता है. महाशिवरात्रि पर्व के अगले दिन भगवान का सेहरा सजता है. इसी के साथ पर्व का समापन होता है.
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Source: IOCL
























