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Holi 2022: उज्जैन में मनाई जाती हैं अनोखी 'कंडा होली', दूर-दूर से देखने आते हैं लोग, आप भी जानें क्यों है खास
Ujjain: धार्मिक नगरी उज्जैन में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं. आमतौर पर देशभर में लकड़ी काटकर होलिका दहन किया जाता है लेकिन यहां पर गाय के गोबर से बने उपलों से होलिका तैयार की जाती है.

उज्जैन
Holi 2022: धार्मिक नगरी उज्जैन में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं. यहां पर होली पर्व मनाने का तरीका भी काफी रोचक और एकदम अलग है. आमतौर पर यह देखने में आता है कि होली पर्व पर लकड़ी की होलिक बनाकर उसका दहन किया जाता है, लेकिन उज्जैन के सिंहपुरी इलाके में गाय के गोबर से तैयार किए गए कंडों की होली जलाई जाती है. यहां पर 100 साल से कंडा होली का दहन किया जाता रहा है. इसकी झलक पाने के लिए यहां लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.
जानिए क्यों खास है यहां की कंडा होली
ये होली महाकालेश्वर मंदिर और दूसरे मंदिरों के पंडे पुजारियों और पुरोहितों द्वारा तैयार की जाती है. यहां पर सौ साल पहले से कंडा होली का प्रचलन शुरू हुआ था. जिस का निर्वाहन आज तक किया जा रहा है. सिंहपुरी इलाके के रहने वाले शुभम डब्बावाला के मुताबिक इस बार होली को लेकर लोगों में अपार उत्साह है. सिंहपुरी इलाके की फेमस होली लोगों का आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यहां पर इस बार 5000 खंडों की होली जलाई जा रही है. पंडे पुजारियों द्वारा होलिका पूजन करने के बाद यहां बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा पूजा अर्चना की जाती है. इसके बाद होलिका दहन किया जाता है.
ये होली महाकालेश्वर मंदिर और दूसरे मंदिरों के पंडे पुजारियों और पुरोहितों द्वारा तैयार की जाती है. यहां पर सौ साल पहले से कंडा होली का प्रचलन शुरू हुआ था. जिस का निर्वाहन आज तक किया जा रहा है. सिंहपुरी इलाके के रहने वाले शुभम डब्बावाला के मुताबिक इस बार होली को लेकर लोगों में अपार उत्साह है. सिंहपुरी इलाके की फेमस होली लोगों का आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यहां पर इस बार 5000 खंडों की होली जलाई जा रही है. पंडे पुजारियों द्वारा होलिका पूजन करने के बाद यहां बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा पूजा अर्चना की जाती है. इसके बाद होलिका दहन किया जाता है.
तीन दिन तक चलता है ये महोत्सव
सिंहपुरी इलाके में होली का तीन दिवसीय महोत्सव मनाया जाता है जिसके तहत महाकाल ध्वज समारोह भी निकाला जाता है. इसके अलावा सिंहपुरी की गैर भी उज्जैन शहर में प्रमुख आकर्षण का केंद्र मानी जाती है. कोविड की विदाई के बाद होली को लेकर लोगों के बीच काफी उत्साह है. इस बार पूर्व की तरह बिना प्रतिबंध के होली पर्व मनाया जा रहा है.
सिंहपुरी इलाके में होली का तीन दिवसीय महोत्सव मनाया जाता है जिसके तहत महाकाल ध्वज समारोह भी निकाला जाता है. इसके अलावा सिंहपुरी की गैर भी उज्जैन शहर में प्रमुख आकर्षण का केंद्र मानी जाती है. कोविड की विदाई के बाद होली को लेकर लोगों के बीच काफी उत्साह है. इस बार पूर्व की तरह बिना प्रतिबंध के होली पर्व मनाया जा रहा है.
पेड़ की कटाई रोकने का भी संदेश
कंडा होली के आयोजक बताते हैं कि होली पर्व पर बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई होती है. इसे रोकने के लिए भी कंडा होली के माध्यम से अच्छा संदेश दिया जाता है. सिंहपुरी में मनाई जाने वाली होली की तैयारी 15 दिन पहले से ही शुरू हो जाती है. इस होली को लेकर बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेते हैं. कंडा होली शुक्रवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 4:30 बजे जलाई जाएगी.
कंडा होली के आयोजक बताते हैं कि होली पर्व पर बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई होती है. इसे रोकने के लिए भी कंडा होली के माध्यम से अच्छा संदेश दिया जाता है. सिंहपुरी में मनाई जाने वाली होली की तैयारी 15 दिन पहले से ही शुरू हो जाती है. इस होली को लेकर बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेते हैं. कंडा होली शुक्रवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 4:30 बजे जलाई जाएगी.
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