Gwalior News: रात में रैन बसेरों में रह रहे लोगों का हाल जानने निकले सीएम शिवराज सिंह चौहान, चौपाटी पर लिया व्यंजनों का स्वाद
मुख्यमंत्री चौहान बस स्टेंड परिसर स्थित रैन बसेरा पहुंचे और वहां रह रहे लोगों के हालचाल जाना. साथ ही उन्होंने बस स्टेंड परिसर में संचालित दीनदयाल रसोई पहुंचकर भोजन ग्रहण कर रहे लोगों से चर्चा की.

MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सेामवार की रात को ग्वालियर भ्रमण पर निकले और उन्होंने पीड़ित लोगों की दास्तान सुनी. मुख्यमंत्री चौहान केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री तोमर के साथ ग्वालियर शहर के भ्रमण पर निकले. उन्होंने रैन बसेरा और दीनदयाल रसोई का निरीक्षण किया और संभागीय ग्रामीण हाट बाजार पहुंचकर महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिख रहीं स्व-सहायता समूह की दीदियों की सफलता की दास्तां सुनीं.
रैन बसेरे में रह रहे लोगों का जाना हाल
मुख्यमंत्री चौहान सबसे पहले बस स्टेंड परिसर स्थित रैन बसेरा पहुंचे और वहां रह रहे लोगों के हालचाल जाना. मुरादाबाद, उत्तरप्रदेश से कोर्ट में तारीख पर आए जयवीर सिंह का कहना था कि उनको इंटरनेट के जरिए रैन बसेरा के बारे में पता चला. इसी तरह भिंड निवासी नरेन्द्र सिंह का कहना था कि रात हो जाने की वजह से उन्होंने यहां बस स्टेंड परिसर में लगे बोर्ड को पढ़कर रैन बसेरा में शरण ली.
जरूरतमंदों को बांटे कंबल
मुख्यमंत्री चौहान बस स्टेंड परिसर में संचालित दीनदयाल रसोई में पहुंचकर भोजन ग्रहण कर रहे लोगों से चर्चा की. जब मुख्यमंत्री यहां पहुंचे तब शिवपुरी से अपने पिता दुर्जन लाल कुशवाह के साथ पुलिस भर्ती की परीक्षा देने के लिये ग्वालियर आई बालिका मानवती कुशवाह भी उस समय भोजन कर रही थी. मुख्यमंत्री केा अपने बीच पाकर मानवती की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बस स्टेंड परिसर में मुख्यमंत्री चौहान ने जरूरतमंदों को कंबल भी वितरित किए.
वन स्टॉप सेंटर का लिया जायजा
मुख्यमंत्री चौहान संभागीय ग्रामीण हाट बाजार के बाद फूलबाग चौपाटी पर पहुंचे और वहां चटपटे लजीज व्यंजनों का स्वाद लिया. उन्होंने खासतौर पर फ्राइड राईस का सेवन किया. शहर भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने जेएएच परिसर में वन स्टॉप सेंटर का जायजा भी लिया.
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस सेंटर में विपत्तिग्रस्त महिलाओं को आश्रय दिया जाता है. मुख्यमंत्री चौहान ने वन स्टॉप सेंटर के भवन निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की और पीआईयू के तत्कालीन कार्यपालन मंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
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