MP GPF Scam: 13 करोड़ के GPF घोटाले में नया खुलासा, आरोपियों ने निकाली जमा राशि से भी ज्यादा रकम
Ujjain Crime News: जीपीएफ की सरकारी राशि में जमकर बंदरबांट हुआ है. घोटाला करनेवालों ने जमा राशि से अधिक रकम निकाल ली. जरूरतमंद कर्मचारियों की दफ्तर का चक्कर लगाने के बावजूद राशि नहीं निकली.

MP GPF Scam: जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) घोटाले में उजागर हो रहे खुलासों से अधिकारी भी आश्चर्यचकित हैं. बताया गया है कि जीपीएफ के जरूरतमंद कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर राशि नहीं मिल पाई. घोटाला करने वालों ने जमा राशि से अधिक रकम निकाल ली. जीपीएफ की सरकारी राशि में जमकर बंदरबांट भी हुआ.
उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में कार्यरत कर्मचारी अयोध्या प्रसाद दुबे, सुरेश मरमट, विष्णु कांत कुछ ही महीनों बाद रिटायर होने वाले हैं. सेवानिवृत्ति से पहले जीपीएफ की राशि को लेकर तीनों की हालत पतली हो रही है. उन्हें डर सता रहा है कि उनकी जीपीएफ की राशि मिल पाएगी या नहीं. इसके अलावा 68 कर्मचारी घोटाले का शिकार हुए हैं. सभी की अपनी-अपनी समस्याएं हैं और उन्हें जीपीएफ की राशि की जरूरत भी है.
जीपीएफ का 13 करोड़ गबन मामला
वर्तमान में जीपीएफ की राशि नहीं निकल पा रही है. गौरतलब है कि केंद्रीय जेल भैरूगढ़ के लेखापाल रिपुदमन पर जीपीएफ का 13 करोड़ रुपए गबन का आरोप लगा है. उन्होंने दो अन्य साथी धर्मेंद्र सिंह और शैलेंद्र सिंह के साथ मिलकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया. मामले में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को गिरफ्तार किया जा चुका है. घोटाले में शामिल कुछ सटोरिए भी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. सभी से पुलिस रिमांड के दौरान भैरवगढ़ थाने में पूछताछ की जा रही है.
चप्पल घिस गई मगर नहीं मिली राशि
जेल के कर्मचारी रामसुमीरन ने बताया कि फरवरी माह में बेटे की शादी के लिए जीपीएफ की रकम की जरूरत थी. दिसंबर से दफ्तर का चक्कर लगाने के बावजूद जीपीएफ की राशि नहीं निकल पाई. रिपुदमन हर बार झांसे में लेकर टालता रहा. कर्मचारियों का कहना है कि जीपीएफ की रकम के जरूरतमंदों को दफ्तर का चक्कर काटना पड़ता है. जबकि घोटालेबाजों को आसानी से राशि मिल जाती है.
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