MP News: सीएम-डिप्टी सीएम के बाद क्या BJP प्रदेश अध्यक्ष भी मालवा निमाण से होगा? कैलाश विजयवर्गीय के नाम पर चर्चा तेज
MP Politics: नवनियुक्त सीएम मोहन यादव को कैलाश विजयवर्गीय का कट्टर समर्थक माना जााता है और वह RSS के भी पसंदीदा हैं. ऐसे में नई सरकार में कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका लेकर चर्चा शुरू हो गई है.

MP BJP President: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी की स्पष्ट बहुमत के साथ जीत के बाद, नए मुख्यमंत्री के नाम का इंतजार था. लगभग एक हफ्ते के गहन मंथन के बाद बीजेपी ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश का अलगा मुख्यमंत्री बनाया घोषित किया है. डॉक्टर मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. यह बात किसी से छिपी नहीं है कि डॉक्टर मोहन यादव कैलाश विजयवर्गी के कट्टर समर्थक हैं और आरएसएस की पहली पसंद भी हैं, ऐसे में अब कैलाश विजयवर्गी की क्या भूमिका होगी यह देखने वाली बात है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कैलाश विजयवर्गी को मालवा निमाण की सीटों को जिताने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और मध्य प्रदेश में बंपर वोटों के साथ भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जीत कर विधानसभा पहुंचे. खुद कैलाश विजयवर्गीय भी लगभग 58 हजार वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया. बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव होने के नाते कैलाश विजयवर्गीय को बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. परिणाम देखकर कह सकते हैं कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी अंजाम दिया है. इधर कैलाश विजयवर्गी की भविष्य में क्या भूमिका रहेगी इसको लेकर इंदौर में अटकलें का दौर शुरू हो चुका है. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि कैलाश विजयवर्गीय मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उसके संगठन में अहम भूमिका निभाने वाले हैं.
मोहन यादव के राजीतिक गुरु हैं कैलाशि विजयवर्गीय
बात करें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की तो इंदौर में सभी इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि कैलाश विजयवर्गी मोहन यादव के राजनीतिक गुरु हैं, ऐसे में कहा जा सकता है कि शासन और प्रशासन में कैलाश विजयवर्गीय का कद बढ़ा है. मंत्रिमंडल के गठन में भी कैलाश विजयवर्गीय की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं. खास तौर पर मालवा निमाड़ आंचल में इस बार कैलाश विजयवर्गी की सहमति के बिना ना तो कोई मंत्री बन सकेगा और ना ही संगठन में बड़ा पद ले पाएगा यह भी तय बात है. दूसरी तरफ सियासी हलकों में कैलाश विजयवर्गी का नाम मध्य प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चर्चा में है और निश्चित रूप से वे इस पद के स्वाभाविक और योग्य दावेदार भी हैं.
मालवा निमाड़ से सीएम, डिप्टी सीएम के बाद प्रदेश अध्यक्ष?
हालांकि क्षेत्रीय समीकरण इस बात की इजाजत नहीं देते क्योंकि मध्य प्रदेश को मुख्यमंत्री उज्जैन जिले से मिल चुका है. इसके अलावा नीमच जिले से जगदीश देवड़ा उपमुख्यमंत्री के तौर पर सामने आए हैं. ऐसे में मालवा निमाड़ क्षेत्र से एक मुख्यमंत्री और एक उपमुख्यमंत्री बनने के बाद, ये कहना है मुश्किल है कि अब मालवा के हिस्से में प्रदेश अध्यक्ष का पद भी आएगा. एक दूसरे पहलु से गौर करने पर ये भी यह समीकरण फेल होता दिखाई पड़ रहा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक ही प्रदेश से दो बड़े पदों पर आसीन हैं. इसलिए बीजेपी की राजनीति में कुछ भी संभव नहीं कहा जा सकता. दूसरी तरफ डॉक्टर समर सोलंकी को भी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं.
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Source: IOCL























