MP: महू-खंडवा रेल प्रोजेक्ट के लिए काटे जाएंगे 1.24 लाख पेड़! घने जंगलों से गुजरेगा नया ट्रैक
Madhya Pradesh News: महू-खंडवा आमान परिवर्तन परियोजना के तहत घने जंगलों में करीब 1.24 लाख पेड़ काटे जा सकते हैं. यह परियोजना इंदौर से मुंबई की दूरी घटाने में मदद करेगी.

मध्यप्रदेश में रेलवे की महू-खंडवा आमान परिवर्तन परियोजना के तहत बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की तैयारी है. अधिकारियों के मुताबिक, इस परियोजना के एक हिस्से में कम से कम 1.24 लाख पेड़ काटे जा सकते हैं, ताकि निर्माण कार्य का रास्ता साफ हो सके. यह खंड इंदौर और खरगोन जिलों के घने जंगलों से होकर गुजरता है.
रेलवे की यह ऐतिहासिक छोटी लाइन देश की आजादी से पहले रियासत काल में बिछाई गई थी. अब इसे बड़ी लाइन में बदलने का काम किया जा रहा है. इस परियोजना के पूरा होने पर इंदौर से मुंबई के बीच की दूरी घट जाएगी. इसके अलावा, पश्चिमी मध्यप्रदेश का दक्षिण भारत से भी संपर्क मजबूत होगा.
1.24 लाख पेड़ होंगे प्रभावित
इंदौर के वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) प्रदीप मिश्रा ने बताया, “रेलवे की महू-खंडवा आमान परिवर्तन परियोजना के महू-सनावद खंड के निर्माण के लिए इंदौर और खरगोन जिलों में फैले घने जंगलों में कुल 1.41 लाख पेड़ प्रभावित होने का अनुमान है. हमारे अनुमान के मुताबिक, इनमें से 1.24 लाख पेड़ तो कटने ही हैं, लेकिन हम अन्य पेड़ों को बचाने की पूरी कोशिश करेंगे. पहाड़ी क्षेत्र में रेल लाइन के लिए सुरंगें बनने के कारण भी कई पेड़ बच जाएंगे.”
उन्होंने बताया कि वन विभाग को पेड़ काटने के लिए केंद्र सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है. अब औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अंतिम मंजूरी जारी की जाएगी.
पर्यावरण संरक्षण की योजना तैयार
डीएफओ मिश्रा ने कहा कि वन विभाग ने पेड़ कटाई के बाद पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने की विस्तृत योजना बनाई है. उन्होंने बताया कि पेड़ों की कटाई से वन्य जीवन, मिट्टी और नमी पर जो असर होगा, उसे कम करने के लिए हमने विशेष उपाय तय किए हैं.”
परियोजना के महू-सनावद खंड में इंदौर जिले का 404 हेक्टेयर और खरगोन जिले का 46 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हो रहा है.
दो गुने क्षेत्र में होगा पौधारोपण
वन विभाग ने बताया कि पेड़ कटाई से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दोगुने क्षेत्र में पौधारोपण किया जाएगा. डीएफओ ने बताया कि इंदौर जिले में पौधारोपण के लिए सीमित जमीन उपलब्ध है. इसलिए धार और झाबुआ जिलों के वन मंडलों में कुल 916 हेक्टेयर में पौधे रोपे जाएंगे. हर हेक्टेयर में 1,000 पौधे लगाए जाएंगे.
पर्यावरणविदों ने जताई चिंता
पर्यावरणविद शंकरलाल गर्ग ने इस योजना पर चिंता जताई. उनका कहना है कि बड़ी संख्या में पेड़ कटने से इंदौर की हवा और मौसम पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, “रेल परियोजना के लिए चोरल और महू के घने जंगलों में बड़ी तादाद में पेड़ कटेंगे. इंदौर जैसे बड़े शहर की आबो-हवा इन जंगलों पर काफी हद तक निर्भर है. नतीजतन, जंगलों में पेड़ कटने से शहर में बारिश और तापमान पर निश्चित रूप से असर होगा.”
गर्ग का यह भी कहना है कि पेड़ कटाई के चलते मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ सकता है, क्योंकि जंगलों का दायरा सिमट जाएगा.
2027-28 तक पूरा होगा काम
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि महू-खंडवा आमान परिवर्तन परियोजना के तहत 156 किलोमीटर लंबी बड़ी रेल लाइन बिछाई जा रही है, जबकि पहले की छोटी लाइन की लंबाई 118 किलोमीटर थी.
उन्होंने कहा कि परियोजना का काम जारी है और इसे वर्ष 2027-28 तक पूरा करने की उम्मीद है.
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Source: IOCL






















