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BJP के लिए सिरदर्द बनी करणी सेना का आंदोलन खत्म, शिवराज सरकार ने 18 मांगों पर जताई सहमति
Madhya Pradesh News: 18 मांगों पर सरकार और करणी सेना के बीच सहमति बन गई है. तीन मांगों के लिए समिति गठित कर दी गई है. वहीं, आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट पर केन्द्र सरकार विचार करेगी.
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Karni Sena Movement: चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए सिर दर्द बन चुके करणी सेना परिवार का शक्ति प्रदर्शन चौथे दिन बुधवार को खत्म हो गया. या यूं कहे कि करणी सेना परिवार के शक्ति प्रदर्शन के आगे मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार झुक गई है. एमपी सरकार ने करणी सेना की 18 मांगों पर अपनी सहमति जता दी, जबकि तीन मांगों के लिए तीन मंत्रियों की कमेटी का गठन किया गया है.
हालांकि, सरकार के आश्वासन के बाद भी करणी सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने सरकार को दो महीने का अल्टीमेटम दिया है. शेरपुर ने कहा कि यदि दो महीने में सभी मांगे नहीं मानी गईं तो फिर से आंदोलन किया जाएगा. करणी सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर को प्रदेश सरकार के मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म कराया.
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष का भूख हड़ताल खत्म
इस दौरान यह सहमति बनी कि आरक्षण व एट्रोसिटी एक्ट मामले में केन्द्र सरकार विचार करेगी. बता दें कि अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते चार दिनों से करणी सेना परिवार की ओर से राजधानी भोपाल में शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा था. अपनी मांगों को लेकर करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर सहित सात लोग भूख हड़ताल कर रहे थे. इस दौरान मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया करणी सेना परिवार के सदस्यों के साथ दो बार बातचीत कर चुके थे, लेकिन सहमति नहीं बन पा रही थी.
18 मांगों पर बनी सहमति
प्रदेश सरकार के मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया बुधवार को करणी सेना परिवार के सदस्यों से एक बार फिर मिले. इस दौरान करणी सेना परिवार और प्रदेश सरकार के बीच सहमति बन गई. करणी सेना परिवार की 21 सूत्री मांगों में से प्रदेश सरकार ने 18 मांगों पर अपनी सहमति जता दी है. वहीं, आरक्षण और एट्रोसिटी समेत तीन मांगों के लिए कमेटी बनाने पर बात हुई. दरअसल, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर से बुधवार दे शाम मिलने जंबूरी मैदान पहुंचे थे. यहां शेरपुर ने मंत्री भदौरिया को 21 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा. करणी सेना परिवार एवं सर्व समाज के प्रवक्ता शैलेंद्र सिंह राजपूत के अनुसार आरक्षण सहित तीन मांगों के लिए तीन मंत्रियों की कमेटी बनाई गई है, इसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा और सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया शामिल हैं. उन्होंने बताया कि यह कमेटी हमारी 21 सूत्रीय मांगों की समीक्षा करेगी.
ये हैं करणी सेना परिवार की 21 मांगे
1. आरक्षण का आधार आर्थिक किया जाए, ताकि समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिल सके. एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए.
2. एससी, एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए.
3. एससी, एसटी एक्ट की तर्ज पर सामान्य-पिछड़ा वर्ग एक्ट बने, जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे व कानूनी सहायता प्रदान करें.
4. ईडब्ल्यूएस आरक्षण में भूमि व मकान की बाध्यता समाप्त कर आठ लाख की वार्षिक आय को ही आधार मानकर आरक्षण का लाभ दिया जाए. सभी भर्तियों में ईडब्ल्यूएस के छात्रों को उम्र सीमा में छूट एवं छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाए..
5. वर्तमान में प्रक्रियाधीन शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में प्रथम काउंसलिंग के पश्चात शेष बचे हुए ईडब्ल्यूएस वर्ग के समस्त पदों को द्वितीय काउंसलिंग या शिक्षा विभाग की वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में समस्त पदों के साथ ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र अभ्यर्थियों से भरा जाए. ईडब्ल्यूएस के रिक्त पदों को उसी वर्ग से भरा जाए.
6. प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग 3 के पदों में 51 हजार पदों पर न्याय संगत रोस्टर के साथ भर्ती की जाए और माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 के वंचित विषयों जैसे मातृभाषा हिन्दी, सा. विज्ञान, विज्ञान के विषय के पदों में वृद्धि की जाए.
7. भर्ती कानून बनाए जाए (प्रत्येक वर्ष नियमित भर्ती निकाली जाए) व्यापम के एक लाख पदों एसआई, पटवारी, अन्य विभागों में शीघ्र भर्ती की जाए एवं भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाए.
8. एमपीपीएससी की 2019, 20,21 की भर्तियां संवैधानिक रूप से पूर्ण की जाए और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा हल किया जाए.
9. केन्द्र और राज्य की आने वाले सभी भर्तियों में सभी वर्गों को तीन वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जाए. राज्य सरकार द्वारा दी गई तीन वर्ष की छूट की समय अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष की जाए.
10. अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों व कोरोना काल में सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित नियुक्ति प्रदान की जाए.
11. किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए, ताकि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सके और रासायनिक खादों की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाया जाए. रोजड़ा (घोड़ा रोज) से प्रदेश के कई क्षेत्रों के किसान परेशान हैं, इससे निजात दिलाने के लिए उचित कार्य योजना बनाई जाएं.
12. खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को जीएसटी से मुक्त किया जाए तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए.
13. क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरंत रोका जाए, इतिहास संरक्षण समिति बने, ताकि समाज में आपसी सामंजस्य बना रहे.
14. सवर्ण आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार कर उसे क्रियाशील बनाया जाए.
15. राज्य कर्मचारी आयोग की वे सिफारिशें जिसमें कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने को कहा गया है, किसी भी परिस्थिति में अब कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु नहीं बढ़ाई जाए.
16. गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाए व सरकार गौशालाओं के स्तर में सुधार करें एवं गोबर व गौमूत्र को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था करें, ताकि गौ-पालन से रोजगार के अवसर भी बढ़े.
17. पद्मावत फिल्म के विरोध में दर्ज प्रकरण वापस लिए जाएं.
18. मप्र की भर्तियों में यहां के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का कोटा सीमित हो.
19. कर्मचारियों को दी जा रही पदोन्नति के साथ उन्हें उसके साथ अधिकार व सुविधा भी दी जाए. कर्मचारियों की पेंशन पुनः: चालू की जाए.
20. पुलिस विभाग में आरक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर 2400 ग्रेड पे लागू की जाए.
21. सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली में सुधार कर शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों की भांति किया जाए, ताकि छात्र प्राइवेट स्कूलों की तरफ न भागे और प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण रखने हेतु एक कमेटी बनाई जाए.
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