Vijay Diwas: सेना के तोपों की गर्जना से गूंज उठा जबलपुर, एक साथ चार तोपों से दागे गए गोले
Jabalpur News: सेना की आधुनिक तोपों की गर्जना से आज जबलपुर में धरती कांपने लगी और आकाश धुआं-धुआं हो गया. लांग प्रूफ रेंज यानी एलपीआर में दुश्मनों पर कहर बरपाने वाली ताकतवर तोपों ने जमकर गोले बरसाए.

Jabalpur News: सेना की आधुनिक तोपों की गर्जना से आज जबलपुर में धरती कांपने लगी और आकाश धुआं-धुआं हो गया. तोप के गोले कान फाड़ रहे थे. चौंकिये मत ये कोई युद्ध का मोर्चा नहीं था बल्कि 1971 में पाकिस्तान से युद्ध में विजय के 50 वर्ष पूरा होने पर भारतीय सेना के दमखम का नजारा था. मध्य प्रदेश के जबलपुर की लांग प्रूफ रेंज यानी एलपीआर में दुश्मनों पर कहर बरपाने वाली ताकतवर तोपों ने जमकर गोले बरसाए.
अमूमन यह नजारा अब तक सरहदों पर ही देखने को मिलता था लेकिन आजादी के 75 वर्ष पूरा होने पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के मद्देनजर एलपीआर में आम लोगों को भी देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इस मौके पर जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा भी मौजूद थे. देश की सबसे ताकतवर तोपों से होती गोलाबारी और थरथर कांपती धरती का नजारा जबलपुर की एलपीआर रेंज का है, जहां एक-दो नहीं बल्कि चार-चार आधुनिक और शक्तिशाली तोपों का धमाका गर्व और शौर्य की अनुभूति करा रहा था. भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 वर्ष पूर्ण होने और आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर एलपीआर में आयुध प्रदर्शनी और हर्ष फायरिंग का आयोजन किया गया था. आम लोग भी चंद दूरी से इन तोपों का दमखम देख और सुन पा रहे थे. एलपीआर रेंज से करीब 3 किलोमीटर दूरी तक तोपों की आवाज से आसपास का पूरा वातावरण गूंज रहा था. एलपीआर रेंज में देश की सबसे ताकतवर तोप धनुष समेत चार अन्य तोपों ने एक के बाद ऐसे फायर किया जिससे लगा कि ये कोई बैटल फील्ड है.
कर्नल शैलेन्द्र कुमार बर्वे, स्थानापन्न कमांडेंट, एलपीआर ने बताया कि आयुध प्रदर्शनी के दौरान सबसे पहले 155 MM बैरल वाली स्वदेशी धनुष तोप से फायर किया गया. इसकी मारक क्षमता 39 किलोमीटर है और इसे बोफोर्स तोप का अपग्रेडेड वर्जन माना जाता है. दूसरा फायर एयर डिफेंस में उपयोग होने वाली L 70 गन से किया गया. ये 90 डिग्री पर मार करने वाली गन है. इसे दुश्मनों के विमानों को मार गिराने में सबसे घातक हथियार माना जाता है और यह हवा में तीन किलोमीटर तक मार करती है. फायरिंग में तीसरा नंबर था AK 630 एंटी एयर क्राफ्ट गन का. इसकी मारक क्षमता 4-5 किलोमीटर है और यह एक मिनट में 4000 राउंड तक फायर करती है. चौथा और अंतिम फायर 30 MM आर्टिलरी गन 2 A 42 से किया गया. इसका इस्तेमाल दुश्मनों के खिलाफ सबसे पहले होता है. इस गन का इस्तेमाल BMP टैंक में होता है. किसी भी युद्ध में थल सेना का नेतृत्व यही गन करती है.
भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय, रक्षा उत्पादन विभाग नई दिल्ली के निर्देशानुसार आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत वरिष्ठ गुणता आश्वासन स्थापना आयुध निर्माणी खमरिया के लॉग प्रूफ रेंज में आयुध उपस्करों एवं विस्फोटकों के परीक्षण की प्रदर्शनी का कर्मवीर शर्मा, जबलपुर कलेक्टर ने उदघाटन किया. इस अवसर पर ब्रिगेडियर आई एम सिंह ,नियंत्रक सीक्यूए (डब्लू), वरिष्ठ गुणता आश्वासन स्थापना आयुध एवं एल पी आर के स्थानापन्न कमाण्डेंट कर्नल शैलेन्द्र राजकुमार बर्वे एवं वरिष्ठ गुणता आश्वासन अधिकारी कर्नल आर एस तिवारी, एसक्यूएई (इलेक्ट्रानिक) सीक्यूए ओएफव्ही एस पी लखटिया, गुणता आश्वासन अधिकारी परीक्षण कर्नल आई पी मिश्रा, ले. कर्नल वी पी सिंह, ले. कर्नल तपन शर्मा, मेजर डॉ. अंकित शर्मा, समूह अधिकारी प्रशासन / भंडार किशोर कुमार योगी, यूनियन एसोशिएशन के पदाधिकारी, कार्यसमिति एवं जेसीएम चतुर्थ के सदस्यगण उपस्थित थे.
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