इंदौर में दशहरे पर नहीं जलेगा सोनम रघुवंशी का 'शूर्पणखा' वाला पुतला, HC ने लगाई रोक
Sonam Raghuwanshi News: इंदौर शहर में संस्था पौरूष की ओर से दशहरा पर्व पर 'कलयुगी शूर्पणखा' का दहन किया जाना था, जिसमें सोनम रघुवंशी सहित अन्य 10 महिला अपराधियों का पुतला जलाना था.

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने दशहरे पर सोनम रघुवंशी के पुतले को जलाने पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि किसी भी जीवित व्यक्ति का पुतला नहीं जलाया जा सकता. संस्था पौरूष की ओर से सोनम रघुवंशी का पुतला कलयुगी शूर्पणखा रूपी रावण के रूप में जलाए जाने का कार्यक्रम था. कोर्ट का यह आदेश सोनम रघुवंशी की मां की ओर से दायर याचिका के बाद आया.
देशभर में दशहरा का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन बुराई का अंत के रूप में रावण को कई रूप देकर दहन किया जाता है. उसी कड़ी में इस बार इंदौर शहर में संस्था पौरूष द्वारा दशहरा पर्व पर कलयुगी शूर्पणखा रूपी रावण का दहन किया जाना था, जिसमें मुख्य रूप से सोनम रघुवंशी सहित अन्य 10 महिला अपराधियों के पुतले दहन का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाना था. जिसे लेकर सोनम की मां संगीता रघुवंशी ने शूर्पणखा रावण दहन कार्यक्रम के खिलाफ याचिका दायर की थी.
याचिका में क्या कहा गया?
याचिका में कहा गया कि दशहरा जैसे धार्मिक पर्व पर महिला अपराधियों के नाम पर पुतले जलाना समाज में महिलाओं की गरिमा के खिलाफ है और इससे मृतक या आरोपी महिलाओं के परिजनों की भी भावनाएं आहत होती हैं. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया और इंदौर में होने वाले शूर्पणखा दहन कार्यक्रम पर रोक लगा दी.
महिला की छवि को अपमानित करना न्यायसंगत नहीं- HC
अदालत ने कहा, ''परंपराओं के नाम पर किसी भी महिला की छवि को अपमानित करना न्यायसंगत नहीं है.'' इसके साथ ही हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि धार्मिक आयोजन सामाजिक सौहार्द और नैतिक संदेश के लिए होते हैं, न कि किसी वर्ग या लिंग विशेष को अपमानित करने के लिए हैं.''
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब इंदौर में सोनम, मुस्कान सहित 11 महिला अपराधियों के पुतले इस बार नहीं जलाए जाएंगे. दशहरे पर केवल परंपरागत रूप से रावण दहन होगा, लेकिन शूर्पणखा या महिला अपराधियों के प्रतीकात्मक पुतले दहन पर रोक रहेगी.
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