इंदौर में निर्माणाधीन पुल पर लापरवाही से युवक की मौत, नगर निगम पर उठे सवाल
Indore News: इंदौर में निर्माणाधीन मालवा मिल ब्रिज पर बैरिकेडिंग न होने से एक युवक की गड्ढे में गिरने से मौत हो गई. स्थानीय लोगों ने निगम की लापरवाही पर आक्रोश जताया है.

इंदौर में एक बार फिर नगर निगम की लापरवाही सामने आई है. बीती रात एक युवक की दर्दनाक मौत मालवा मिल ब्रिज के नीचे गिरने से हो गई. यह ब्रिज फिलहाल निर्माणाधीन है, और मौके पर न तो किसी तरह की बैरिकेडिंग की गई थी और न ही किसी गार्ड की तैनाती की गई थी. मृतक की पहचान गोलू कुशवाहा निवासी भागीरथपुरा के रूप में हुई है.
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय दुकानदारों के अनुसार, युवक तेज गति से बाइक चलाते हुए ब्रिज के उस हिस्से तक पहुंच गया, जहां खुदाई और मलबे का ढेर लगा हुआ था. बताया जा रहा है कि ब्रिज अधूरा होने के कारण वहां गड्ढा बना हुआ था, जिसे युवक अंधेरे में नहीं देख पाया और बाइक समेत उसमें गिर पड़ा. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए युवक को बाहर निकाला और 108 एम्बुलेंस की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
'न कोई निगरानी रहती है, न ही कोई चेतावनी बोर्ड'
हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते वहां उचित बैरिकेडिंग और संकेतक लगाए गए होते, तो इस तरह की घटना रोकी जा सकती थी. घटना स्थल के आसपास के दुकानदारों ने बताया कि दिन में वे खुद राहगीरों और वाहन चालकों को रास्ता बताकर या रोककर हादसा होने से रोकते हैं, लेकिन रात में वहां न कोई निगरानी रहती है, न ही कोई चेतावनी बोर्ड.
सभी बिंदुओं पर पुलिस रही जांच
वहीं इस घटना की जानकारी मिलते ही परदेशीपुरा पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है. जिसमें युवक नशे में था नहीं और इसमें किसको लापरवाही है, इस सभी बिंदुओं पर पुलिस के जांच की जा रही है. जिसमें आए हुए तथ्यों के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी
'यह हादसा निगम की असंवेदनशीलता का परिणाम'
वही इस घटना के बाद नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम की लापरवाही के कारण एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी है. उन्होंने महापौर पुष्यमित्र भार्गव और भाजपा परिषद को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह हादसा निगम की असंवेदनशीलता का परिणाम है.
इधर, महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.
'प्रशासन की कार्यशैली पर लगाती है प्रश्नचिन्ह'
यह हादसा फिर से इस सवाल को जन्म देता है कि आखिर जिम्मेदार लोग हादसे के बाद ही क्यों जागते हैं. जब एक निर्माणाधीन पुल के पास कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं होते, तो यह साफ संकेत है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है. वही इंदौर जैसे स्मार्ट सिटी का दावा करने वाले शहर में इस तरह की घटनाएं प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं. सवाल यह भी है कि क्या अब नगर निगम ऐसी जगहों पर सुरक्षा उपाय करेगा या फिर अगली किसी त्रासदी का इंतजार करेगा.
Source: IOCL
























