Bhojshala: 'भोजशाला के सर्वे में मिली भगवान विष्णु की प्रतिमा', हिंदूपक्ष ने किया बड़ा दावा
Bhojshala Survey: मध्य प्रदेश के धार में चल रहे भोजशाला सर्वे को लेकर हिंदूपक्ष ने बताया कि वहां भगवान कृष्ण, बाबा भोलेनाथ और बासुकीनाथ के बाद आज भगवान विष्णु प्रतिमा मिली है.

Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश के धार (Dhar) में पिछले 22 मार्च से शुरू हुए भोजशाला सर्वे को लेकर हिंदूपक्ष ने सोमवार को बड़ा दावा किया है. हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने कहा कि वहां से भगवान विष्णु की चर्तुमुख वाली प्रतिमा प्राप्त हुई है, उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पिछले दिनों वहां से बाबा भोलेनाथ की प्रतिमा और बासुकीनाथ की सात मुंह का वाली प्रतिमा प्राप्त हुई थी.
हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने कहा, ''हाई कोर्ट के आदेश से पिछले 22 मार्च से जो सर्वे शुरू हुआ था, उसमें आज सुबह 8 बजे सर्वे टीम में आठ सर्वे अधिकारी और 32 लेबर द्वारा कार्य शुरू हुआ जो शाम पांच बजे तक चला. आज दो स्थानों पर काम चला. एक गर्भ गृह में और दूसरा उत्तर पूर्वी भाग में. गर्भ गृह में पिछले दिनों जो अवशेष प्राप्त हुए थे उसकी लिस्टिंग और फोटोग्राफी का काम चला.''
#WATCH | Dhar, Madhya Pradesh: Archaeological Survey of India finds a statue of Lord Vishnu in the northeastern part of Bhojshala.
— ANI (@ANI) June 24, 2024
Hindu petitioner Gopal Sharma says, "On the directions of the High Court, the ASI team conducted its survey...On the northeastern part of Bhojshala,… pic.twitter.com/tLtHUDSB5H
गोपाल शर्मा ने कहा, ''उत्तर पूर्वी भाग भवन के पश्चिम भाग में जहां मिट्टी हटाने का काम चल रहा है वहां तीन दिन पहले भगवान कृष्ण की प्रतिमा मिली थी कल वहां पर भोलेनाथ की प्रतिमा और बासुकीनाथ सात मुंह का वाली प्रतिमा प्राप्त हुई थी वहीं आज भगवान विष्णु की चर्तुमुखी वाली नारायण के रूप में प्राप्त हुई है. साथ ही तीन अन्य अवषेश प्राप्त हुए ये सर्वे टीम ने अपने संरक्षण में लिया है.
एक हिंदू नेता ने शनिवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर में अदालत के आदेश पर वैज्ञानिक सर्वेक्षण के दौरान सनातन धर्म से संबंधित मूर्तियां मिली हैं. हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि ये मूर्तियां एक झोपड़ी से बरामद की गई थीं और इन्हें सर्वेक्षण का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए.
भोजशाला एक मध्यकालीन स्मारक
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को भोजशाला परिसर का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ करने का निर्देश दिया था. भोजशाला एक मध्यकालीन स्मारक है, जिसके बारे में हिंदुओं का मानना है कि यह वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, वहीं मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहते हैं.
बता दें कि सात अप्रैल 2003 को एएसआई द्वारा की गई व्यवस्था के तहत, हिंदू मंगलवार को भोजशाला परिसर में पूजा करते हैं और मुसलमान शुक्रवार को परिसर में नमाज अदा करते हैं.
भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया, ‘‘सर्वेक्षण के दौरान उसी स्थान पर पत्थर से बनी वासुकी नाग की मूर्ति मिली है, जहां तीन दिन पहले श्रीकृष्ण की मूर्ति मिली थी. परिसर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में उसी स्थान पर महादेव की मूर्ति और कलश समेत सनातन धर्म से जुड़े कुल नौ अवशेष मिले हैं. इन्हें एएसआई ने संरक्षित कर लिया है.’’
हालांकि, कमाल मौला वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अब्दुल समद ने कहा कि मूर्तियां और पत्थर की वस्तुएं उत्तरी तरफ बनी झोपड़ीनुमा संरचना से निकल रही हैं, जहां पुरानी इमारत के हिस्से रखे हुए थे और इसे हटाने का काम किया जा रहा है.
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Source: IOCL






















