जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू, चार में से 3 सीटों पर NC-कांग्रेस का होगा कब्जा?
JK Rajya Sabha Election: जम्मू-कश्मीर में चार राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर हो गई है. मतदान 24 अक्टूबर को होगा. नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस तीन सीटें और बीजेपी एक सीट जीतने की स्थिति में है.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के शरदकालीन सत्र से पहले राज्यसभा की चार सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने सोमवार (6 अक्टूबर) को चार रिक्त सीटों के लिए तीन अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी करते हुए चुनाव की समय-सारिणी का ऐलान कर दिया. वहीं, जम्मू-कश्मीर विधानसभा का शरदकालीन सत्र 23 अक्टूबर से शुरू होगा, जो लगभग एक सप्ताह तक चलेगा.
राज्यसभा चुनाव के लिए अधिसूचनाएं राष्ट्रपति द्वारा केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों को उच्च सदन के लिए मतदान करने का आह्वान करने के बाद जारी की गईं. निर्वाचन आयोग के अनुसार, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 13 अक्टूबर 2025 है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 14 अक्टूबर को की जाएगी. उम्मीदवार 16 अक्टूबर तक अपने नामांकन पत्र वापस ले सकते हैं. मतदान 24 अक्तूबर 2025 को होगा और यदि आवश्यक हुआ तो मतगणना उसी दिन संपन्न कर दी जाएगी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को तीन सीटें मिलने की उम्मीद
चार सीटों के लिए इस बार तीन अलग-अलग चुनाव हो रहे हैं. पहली और दूसरी सीटों के लिए दो अलग-अलग चुनाव होंगे, जबकि शेष दो सीटों के लिए संयुक्त चुनाव संपन्न होंगे. राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को आसानी से तीन सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, बीजेपी चौथी सीट जीतने की मजबूत स्थिति में है.
बीजेपी चौथी सीट जीतने के लिए प्रबल
विशेष रूप से इस बार ध्यान देने वाली बात यह है कि सदन के गणित के कारण बीजेपी चौथी सीट जीतने के लिए प्रबल स्थिति में है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल सात निर्दलीय सदस्य हैं, जिन्होंने किसी पंजीकृत या मान्यता प्राप्त पार्टी के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ा था. इन निर्दलीय सदस्यों को मतदान के समय एजेंटों को अपना वोट दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी.
स्वतंत्र रूप से मतदान कर सकते हैं पार्टी के सदस्य
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, राज्यसभा चुनाव में दलों को अपने सदस्यों को व्हिप जारी करने का अधिकार नहीं है. यह इसलिए क्योंकि दसवीं अनुसूची के दलबदल विरोधी प्रावधान राज्यसभा चुनावों पर लागू नहीं होते. इसका मतलब यह है कि चुनावी प्रक्रिया में सदस्य पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से मतदान कर सकते हैं और पार्टी उन्हें मतदान के लिए निर्देश नहीं दे सकती.
बीजेपी की चौथी सीट शक्ति संतुलन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण
राजनीतिक दलों की रणनीतियों की दृष्टि से यह चुनाव काफी अहम माना जा रहा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के लिए यह सीटें उनकी प्रभावी उपस्थिति को बनाए रखने के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं, जबकि बीजेपी की चौथी सीट उनकी शक्ति संतुलन को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है. चुनावी माहौल में सभी दल सक्रिय हैं और विभिन्न समीकरणों पर नजर रखी जा रही है.
निर्वाचन आयोग ने साफ तौर पर सभी उम्मीदवारों और दलों से अपील की है कि वे चुनाव प्रक्रिया में शांति और अनुशासन बनाए रखें. आयोग का कहना है कि समय-सारिणी का पालन करना अनिवार्य है और सभी उम्मीदवारों को नियमों का पालन करते हुए अपने नामांकन दाखिल करने की सलाह दी गई है.
जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों के लिए यह चुनाव राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह गठबंधन और भाजपा दोनों के लिए सत्ता संतुलन बनाए रखने और रणनीतिक स्थिति मजबूत करने का अवसर है. चुनाव के नतीजे आने के बाद ही राज्य की राजनीति में नई दिशा स्पष्ट होगी.
Source: IOCL























