पानी के प्रोजेक्ट पर उमर अब्दुल्ला के बयान से भड़कीं महबूबा मुफ्ती, 'भारत-पाक तनाव के बीच...'
सीएम उमर अब्दुल्ला ने तुलबुल नेविगेशन बैराज को लेकर कहा था कि इसे सिंधु जल संधि का हवाला देते हुए पाकिस्तान के दबाव में इसे छोड़ना पड़ा. अब इसपर महबूबा मुफ्ती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

Tulbul Navigation Project: जम्मू-कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान से सियासी विवाद खड़ा हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पानी जैसी आवश्यक और जीवन देने वाली चीज को हथियार बनाना अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण है.
मुफ्ती ने शुक्रवार को एक्स पर उमर अब्दुल्ला के पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ''भारत और पाकिस्तान में चल रहे तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट को पुनर्जीवित (रिवाइव) करने वाला बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे समय में जब दोनों देश पूर्ण युद्ध के कगार से वापस लौटे हैं, इसमें जम्मू-कश्मीर में निर्दोष लोगों की जानें गई. जम्मू-कश्मीर विनाश और अपार पीड़ा का खामियाजा भुगत रहा है, ऐसे बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना हैं, बल्कि खतरनाक रूप से भड़काऊ भी है.''
जम्मू-कश्मीर के लोग शांति के हकदार हैं- महबूबा मुफ्ती
उन्होंने कहा, ''हमारे लोग देश के किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह शांति के हकदार हैं. पानी जैसी आवश्यक और जीवन देने वाली चीज को हथियार बनाना न केवल अमानवीय है, बल्कि द्विपक्षीय मामले को अंतर्राष्ट्रीय बनाने का जोखिम भी है.''
J&K Chief Minister Omar Abdullah’s call to revive the Tulbul Navigation Project amid ongoing tensions between India & Pakistan is deeply unfortunate. At a time when both countries have just stepped back from the brink of a full-fledged war—with Jammu and Kashmir bearing the brunt… https://t.co/LZrVAhIukQ
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 16, 2025
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार (15 मई) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो साझा करते हुए लिखा था, ''उत्तरी कश्मीर में वुलर झील. वीडियो में आप जो सिविल कार्य देख रहे हैं, वह तुलबुल नेविगेशन बैराज है. इसे 1980 के दशक की शुरुआत में शुरू किया गया था, लेकिन सिंधु जल संधि का हवाला देते हुए पाकिस्तान के दबाव में इसे छोड़ना पड़ा.''
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''अब जब सिंधु जल संधिको "अस्थायी रूप से निलंबित" कर दिया गया है, तो क्या हम इस परियोजना को फिर से शुरू कर पाएंगे. इससे हमें नेविगेशन के लिए झेलम का उपयोग करने की अनुमति मिलने का लाभ मिलेगा. इससे डाउनस्ट्रीम बिजली परियोजनाओं के बिजली उत्पादन में भी सुधार होगा, खासकर सर्दियों में.''
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Source: IOCL























