जम्मू-कश्मीर को कब मिलेगी 200 यूनिट फ्री बिजली? सरकार की तरफ से मिला बड़ा अपडेट
Jammu kashmir News: 'इंस्टॉलेशन के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट और टेंडर प्रक्रिया संबंधित DISCOMs में अभी तैयार की जा रही है. रूफटॉप सोलर सिस्टम चालू होने के बाद ही योजना को लागू किया जाएगा.

जम्मू और कश्मीर सरकार ने मंगलवार को असेंबली को 200 यूनिट मुफ्त बिजली के वादे पर जानकारी दी है. सरकार ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा इस साल की शुरुआत में किए गए 200 यूनिट मुफ्त बिजली के वादे को PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत रूफटॉप सोलर सिस्टम चालू होने के बाद ही लागू किया जाएगा.
MLA वहीद पर्रा द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में, सरकार ने कहा कि इस योजना से 2.22 लाख अंत्योदय अन्न योजना (AAY) परिवारों को फायदा होगा, जिसमें हर घर में 2-किलोवाट का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाया जाएगा.
ऊर्जा मंत्रालय ने दे दी है मंजूरी
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने पहले ही RESCO यूटिलिटी-लेड एग्रीगेशन (ULA) मॉडल के जरिए इसे लागू करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है. जवाब में बताया गया कि, 'इंस्टॉलेशन के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट और टेंडर प्रक्रिया संबंधित DISCOMs में अभी तैयार की जा रही है.' एक बार चालू होने के बाद, रूफटॉप सोलर सिस्टम हर लाभार्थी परिवार को हर महीने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देगा.'
सरकार ने कहा कि यह मॉडल वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करता है और बिजली वितरण निगमों को होने वाले नुकसान से बचाता है. सरकार का कहना है कि, 'लागू करने में देरी DPR तैयार करने, टेंडर फाइनल करने और ULA मॉडल स्थापित करने जैसी प्रक्रियात्मक जरूरतों के कारण है.'
जवाब में यह भी कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर में अब तक 6.52 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जिसमें पिछले दो सालों में रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम और प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत 2.81 लाख मीटर शामिल हैं.
स्मार्ट मीटर के इंस्टॉलेशन, रखरखाव को प्रस्ताव नहीं
सरकार ने यह भी कहा कि स्मार्ट मीटर के इंस्टॉलेशन, रखरखाव या मैनेजमेंट के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है. इसमें कहा गया है, 'यह काम एक डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ओन-ऑपरेट-ट्रांसफर मॉडल के तहत एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर्स के जरिए किया जा रहा है.'
इसमें यह भी कहा गया है कि सर्विस प्रोवाइडर्स को केवल सख्त रेगुलेटरी और कॉन्ट्रैक्टुअल निगरानी के तहत प्रोजेक्ट लागू करने और संचालन के लिए लगाया गया है, जिससे बिजली वितरण सुधारों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है.
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Source: IOCL























