गुरुग्राम में पुलिस अधिकारी को कार के बोनट पर 70 मीटर तक घसीटा, आरोपी गिरफ्तार
Gurugram News: नशे में धुत सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने जांच के दौरान एसपीओ को कार के बोनट पर 70 मीटर तक घसीटा रहा. इस घटना में दोनों आरोपी घायल है, पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

गुरुग्राम में बुधवार (16 अक्टूबर) देर रात एक तेज रफ्तार कार ने जांच के दौरान पुलिसकर्मियों को टक्कर मार दी. कार ने पुलिस अधिकारी (एसपीओ) को करीब 70 मीटर तक बोनट पर घसीटा. यह घटना सुभाष चौक के पास रात लगभग 1 बजे हुई. पुलिस ने आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के अनुसार, सदर थाने के अंतर्गत गश्त पर तैनात एसपीओ सतीश और कांस्टेबल श्याम बुधवार रात 'राइडर 17' यूनिट के हिस्से के रूप में ड्यूटी पर थे. दोनों अधिकारी सीएनजी पंप के पास वाहनों की जांच कर रहे थे. उसी दौरान यदुवंशी स्कूल के पास से आ रही एक हुंडई वर्ना कार उनकी मोटरसाइकिल से टकरा गई.
टक्कर इतनी जोरदार थी कि कांस्टेबल श्याम सड़क किनारे झाड़ियों में जा गिरे, जबकि एसपीओ सतीश कार की विंडशील्ड पर जा लटके. पुलिस के अनुसार, सतीश के बोनट पर लटके होने के बावजूद चालक ने वाहन नहीं रोका और करीब 70 मीटर तक कार को दौड़ाता रहा.
आरोपी की पहचान कर पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि कार चालक की पहचान ग्रेटर नोएडा निवासी अभिनव चौधरी (34) के रूप में हुई है, जो पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. जब पुलिस की गाड़ी पीछे से नजदीक आई, तब जाकर आरोपी ने कार रोकी। मौके पर मौजूद पुलिस ने तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया.
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि घटना के समय चौधरी नशे में धुत था. उसके खिलाफ सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. घायल एसपीओ सतीश और कांस्टेबल श्याम को तुरंत निकटवर्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है.
पहले भी कर चुका है ऐसी वारदात
जांच के दौरान पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि अभिनव चौधरी पहले भी इसी तरह की घटना में शामिल रह चुका है. वर्ष 2018 में उसने फरीदाबाद के डबुआ थाना क्षेत्र में एक पुलिस बैरिकेड को टक्कर मार दी थी. पुलिस ने आरोपी की इस हरकत को आदतन अपराधी का व्यवहार बताया है.
न्यायिक हिरासत में भेजा गया आरोपी
गुरुग्राम पुलिस ने गुरुवार को आरोपी को शहर की स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. साथ ही, पुलिस ने उसकी कार को जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है.
यह घटना न केवल पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि नशे में वाहन चलाने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.
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Source: IOCL





















