Haryana: '100 फोन किए, एक बार नहीं उठाया', जींद में विधायक विनेश फोगाट के दौरे पर भड़के सरपंच प्रतिनिधि
Haryana News: जुलाना में बरसाती पानी का जायजा लेने पहुंचीं विधायक विनेश फोगाट का बुआना गांव में ग्रामीणों ने विरोध किया. उन्होंने फोन न उठाने और वोटों की ठगी के आरोप लगाए.

हरियाणा के जींद जिले के जुलाना से कांग्रेस विधायक और पूर्व रेसलर विनेश फोगाट को अपने हलके के दौरे के दौरान तीखे विरोध का सामना करना पड़ा. बरसात के बाद खेतों में भरे पानी की स्थिति देखने पहुंचीं विनेश को गांव बुआना में सरपंच प्रतिनिधि और ग्रामीणों के गुस्से का शिकार होना पड़ा.
फोन न उठाने का आरोप
ग्रामीणों का आरोप था कि जब खेतों में पानी भरा हुआ था और फसलें डूब रही थीं, तब उन्होंने विधायक को कई बार फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई. सरपंच प्रतिनिधि सुधीर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “जब खेतों में पानी भरा था, तब हमने 100 से ज्यादा बार फोन किया. आपने एक भी कॉल नहीं उठाया. अब जब 75% पानी उतर गया, तो दौरे का क्या फायदा?”
वोटों की ठगी की बात पर भड़की विनेश
विवाद उस समय और बढ़ गया जब सुधीर ने आरोप लगाया कि जुलाना के लोगों के साथ "वोटों की ठगी" हुई है. इस पर विनेश फोगाट भड़क गईं और पलटकर बोलीं, “तो क्या अब मेरा भूत आया है?” इसके बाद दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. हालात बिगड़ते देख गांव के कुछ लोगों को बीच-बचाव करना पड़ा.
चुनाव जीतने के बाद पहला दौरा
ग्रामीणों ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि चुनाव जीतने के बाद यह विनेश का पहला दौरा था. उनका कहना था कि जब किसानों को सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब विधायक कहीं दिखाई नहीं दीं. लोगों का कहना था कि उनकी समस्याओं की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया.
कई गांवों का दौरा, किसानों से बातचीत
विरोध के बावजूद विनेश फोगाट ने अपना दौरा जारी रखा. उन्होंने बरद खेड़ा, बुवाना, खरैंटी, गढ़वाली, झमोला, करेला और मालवी जैसे गांवों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं. विनेश ने भरोसा दिलाया कि बरसाती पानी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव मदद की जाएगी.
बता दें जुलाना हलके में इस बार बरसाती पानी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद हो गईं. किसान सरकार और प्रशासन से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं. विनेश का यह दौरा इसी समस्या का जायजा लेने के लिए था, लेकिन ग्रामीणों की नाराजगी ने उनके प्रयासों पर सवाल खड़े कर दिए.
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Source: IOCL




















