'उन्हें 82 मिनट दिए गए...', हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के वॉकआउट पर बीजेपी ने सुनाई खरी-खोटी
Haryana News: हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के वॉकआउट के चलते अविश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से खारिज हो गया. बीजेपी ने इसे कांग्रेस की आदत बताया, जबकि विपक्ष ने सरकार पर जवाब न देने का आरोप लगाया.

हरियाणा विधानसभा में 19 दिसंबर को कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव और उसके बाद हुए वॉकआउट ने सदन की कार्यवाही को राजनीतिक टकराव का केंद्र बना दिया. कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, लेकिन चर्चा से पहले ही विपक्ष के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. इसके चलते प्रस्ताव ध्वनि मत से खारिज हो गया.
यह घटनाक्रम चंडीगढ़ स्थित विधानसभा में हुआ और इसका महत्व इसलिए बढ़ गया क्योंकि विपक्ष के बाहर जाने से गंभीर संसदीय बहस की संभावना खत्म हो गई. सत्ता पक्ष ने इसे कांग्रेस की गैरजिम्मेदार राजनीति करार दिया, जबकि विपक्ष ने सरकार पर जवाबदेही से बचने का आरोप लगाया.
कांग्रेस का यह रवैया नया नहीं है- कृष्ण कुमार बेदी
वॉकआउट और अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने के बाद बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए. हरियाणा के मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि कांग्रेस का यह रवैया नया नहीं है और वे पहले से जानते थे कि विपक्ष चर्चा से भाग जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी भी मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं रहती और ऐसी हरकतों से जनता और विधानसभा का समय बर्बाद होता है. एएनआई को दिए बया में बेदी ने कांग्रेस की भूमिका को नकारात्मक बताते हुए कहा कि भविष्य में भी यदि ऐसे प्रस्ताव लाए गए तो वे खुद कांग्रेस के लिए गले की फांस बनेंगे.
#Watch चंडीगढ़: कांग्रेस विधायकों के विधानसभा से वॉकआउट और अविश्वास प्रस्ताव फेल होने पर हरियाणा के मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा, "वे हमेशा ऐसी हरकते करते हैं। कांग्रेस किसी भी मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है। ऐसी ओछी हरकतों से वे राज्य के लोगों और विधानसभा का समय खराब करते… pic.twitter.com/gQfsqFnPh5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2025
उन्हें 82 मिनट दिए गए और हमें 60- अरविंद शर्मा
इसी मुद्दे पर हरियाणा के मंत्री अरविंद शर्मा ने भी कांग्रेस पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सदन में बोलने के लिए 82 मिनट दिए गए थे, जबकि बीजेपी को 60 मिनट का समय मिला. कांग्रेस ने पूरे 82 मिनट तक अपनी बात रखी, लेकिन जब सुनने और जवाब लेने की बारी आई तो वे सदन छोड़कर चले गए. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री हर सवाल और हर आरोप का जवाब दे रहे थे, लेकिन विपक्ष ने उसे सुनना भी जरूरी नहीं समझा. उन्होंने कांग्रेस के इस व्यवहार को आदत करार देते हुए कहा कि इससे साफ होता है कि विपक्ष किसी मुद्दे पर गंभीर नहीं है और केवल राजनीतिक ड्रामा करना चाहता है.
#WATCH चंडीगढ़: कांग्रेस विधायकों द्वारा विधानसभा से वॉकआउट करने पर हरियाणा के मंत्री अरविंद शर्मा ने कहा, "...कांग्रेस को 82 मिनट दिए गए थे और भाजपा के पास 60 मिनट थे। उन्होंने 82 मिनट तक बात की लेकिन जब सुनने की बारी आई तो वे वॉकआउट कर गए। जब मुख्यमंत्री हर बात का जवाब दे रहे… pic.twitter.com/GvqO5elHAa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2025
सरकार की ओर से नहीं मिला संतोषजनक जवाब- भूपेंद्र सिंह हुड्डा
वहीं कांग्रेस की ओर से नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर तीखे आरोप लगाए और वॉकआउट का बचाव किया. हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव के जरिए जो मुद्दे उठाए, उनका संतोषजनक जवाब सरकार की ओर से नहीं मिला. उन्होंने राज्य की आर्थिक स्थिति को बेहद खराब बताया और कहा कि 2005 से 2014 के बीच हरियाणा में बड़ी संख्या में उद्योग आए थे, लेकिन पिछले दो वर्षों में उद्योग राज्य छोड़कर जा रहे हैं. हुड्डा के मुताबिक उद्योग पंजाब की ओर पलायन कर रहे हैं क्योंकि वे हरियाणा में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते. उन्होंने यह भी दावा किया कि हरियाणा देश के सबसे असुरक्षित राज्यों में शामिल हो चुका है.
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