MNREGA का नाम बदलने की अटकलों पर भड़कीं प्रियंका चतुर्वेदी, कहा- 'यह ध्यान भटकाने की कोशिश'
MNREGA Name Controversy: शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मनरेगा का नाम बदलने की रिपोर्टों पर केंद्र सरकार की आलोचना की. वहीं एयर पॉल्यूशन के मुद्दे पर चर्चा की जरूरत पर जोर दिया.

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मनरेगा का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ किए जाने की संभावित रिपोर्टों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने इसे जनता को गुमराह करने वाला कदम बताया और कहा कि यह असली मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश है. प्रियंका ने यह भी कहा कि इस तरह के फैसले गांधी परिवार के नाम और योगदान के प्रति असम्मान को दिखाते हैं.
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार की हताशा अब साफ नजर आने लगी है. उन्होंने कहा कि हताशा की वजह से ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं. यह जनता का ध्यान भटकाने का एक और तरीका है. प्रियंका के मुताबिक, जब सरकार के पास जवाब देने के लिए ठोस मुद्दे नहीं होते, तब ऐसे प्रतीकात्मक बदलाव सामने आते हैं, ताकि असली समस्याओं पर चर्चा न हो.
व्हाट्सऐप पर चल रहा इतिहास
प्रियंका चतुर्वेदी ने वंदे मातरम् के 150 वर्षों पर हुई चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि अब जनता समझने लगी है कि कौन सा इतिहास व्हाट्सऐप पर चल रहा है और कौन सा असली है. उन्होंने कहा कि जो लोग व्हाट्सऐप वाले इतिहास पर भरोसा करते हैं, उन्हें गांधी परिवार से चिढ़ होती है. लेकिन जो लोग सच्चा इतिहास जानते हैं, वे गांधी परिवार के योगदान का हमेशा सम्मान करेंगे.
वायु प्रदूषण पर राहुल गांधी की मांग का समर्थन
प्रियंका चतुर्वेदी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से वायु प्रदूषण पर चर्चा की मांग का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति करने के बजाय समाधान तलाशने की जरूरत है, क्योंकि इससे सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही प्रभावित हैं.
प्रियंका ने दिल्ली की हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि लोगों को ऐसा महसूस होता है जैसे वे हर दिन जहरीली हवा में सांस ले रहे हों. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब आम आदमी पार्टी सत्ता में थी, तब वायु प्रदूषण भाजपा का बड़ा मुद्दा हुआ करता था. लेकिन अब सरकार बनने के बाद भी इस पर गंभीर चर्चा नहीं हो रही है. उनके मुताबिक यह दोहरे मापदंडों को दिखाता है.
बता दें लोकसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वायु प्रदूषण कोई राजनीतिक या वैचारिक मुद्दा नहीं है. यह सीधे तौर पर लोगों की सेहत और भविष्य से जुड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार और विपक्ष मिलकर इस पर गंभीर चर्चा करें, तो इसका समाधान निकाला जा सकता है.
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