दिल्ली में बढ़ा विधायकों का फंड तो BJP ने उठाया राजकोषीय घाटे का मुद्दा, AAP ने भी दिया जवाब
Delhi MLA Fund: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधायकों का फंड बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये कर दिया है. बीजेपी ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि लोगों को फायदा नहीं मिलने वाला है.
Delhi News: दिल्ली में विधायक फंड को 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये कर दिया गया है. आम आदमी पार्टी की सरकार फैसले को विकास कार्यों से जोड़ रही है. बीजेपी ने पूछा है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बढ़ोतरी क्यों की गयी. 7 हजार करोड़ के राजकोषीय घाटे में चल रही सरकार विधायक फंड बढ़ाने की बात कर रही है. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के विधायक भी फंड बढ़ाने की लगातार मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल के करीबी अफसरों ने एक साल से जल बोर्ड का काम ठप कर दिया है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीवर, पाइपलाइन के काम जल बोर्ड के फंड से हो जाते थे. उन्होंने तर्क दिया कि विधायकों को इलाके में विकास के फंड को बढ़ाया गया है. बीजेपी विधायक अजय महावर ने कहा कि पहले साल विधायकों को बजट आवंटित नहीं हुआ. दूसरे साल 10 करोड़ की जगह 4 करोड रुपये मिले. चार सालों में 10 करोड़ के हिसाब से 40 करोड़ रुपये विधायकों को मिलने चाहिए थे लेकिन सिर्फ 15 करोड़ रुपये ही मिले. अब आप सरकार 15 करोड़ रुपये देने की बात कर रही है.
विधायकों का फंड बढ़ाने पर शुरू हुई सियासत
उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले का फायदा लोगों को नहीं मिलेगा. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कोरोना काल में विधायकों का फंड बंद था. बीजेपी का आरोप बेबुनियाद है. दिल्ली सरकार का दावा है कि विधायक निधि की राशि अन्य राज्यों की तुलना में कई गुना ज्यादा है. गुजरात में प्रति विधानसभा विधायकों को सालाना 1.5 करोड़ मिलता है. आंध्र प्रदेश-कर्नाटक में सालाना 2 करोड़, ओड़िशा, तमिलनाडु और मध्य-प्रदेश में 3 करोड़, महाराष्ट्र, केरल, झारखंड, उत्तराखंड, राजस्थान, तेलंगाना में प्रति विधानसभा विधायकों को 5 करोड़ रुपये मिलते हैं.
घाटा बीजेपी के दिमाग में है- आम आदमी पार्टी
बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि फाइनेंस डिपार्टमेट की रिपोर्ट से साफ हो गया है कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार जिम्मेदार है. 31 साल बाद दिल्ली का बजट घाटे में चल रहा है. राजकोषीय घाटा 7 हजार करोड़ रुपये का है. बांसुरी स्वराज ने कहा कि बजट की पेशी के समय सरप्लस होने का दावा किया गया था. बीजेपी कैग से जांच की मांग करती है. बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बजट घाटा होने के बावजूद विधायकों का फंड 10 से 15 करोड़ क्यों किया जाता.
महिलाओं को 1000 रुपए पेंशन देने की बात क्यों करते. घाटा बीजेपी के दिमाग में है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अधिकारी आंकड़ों की कलाकारी दिखाने की कोशिश करते हैं. मकसद सरकार के प्रति नेगेटिविटी फैलाना है. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार फायदे में चल रही है. बीजेपी शासित राज्यों में हजारों करोड़ के घाटे चल रहे हैं. इसलिए आरोप लगाने से पहले बीजेपी खुद की चिंता करे.
ये भी पढ़ें-