हिंदू नववर्ष पर दिल्ली विधानसभा में गूंजे कैलाश खेर के तराने, विजेंद्र गुप्ता बोले- 'भारतीय संस्कृति को...'
Delhi News: दिल्ली विधानसभा परिसर में हिंदू नववर्ष पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान विजेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रीय सांस्कृतिक नीति की वकालत की. ताकि नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति को आत्मसात कर सके.

Delhi Latest News: दिल्ली विधानसभा में हिंदू नववर्ष के मौके पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर मशहूर गायक कैलाश खेर और उनके कैलासा बैंड की शानदार प्रस्तुति ने समां बांध दिया. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, विक्रम संवत 2082 के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली सरकार के कला और संस्कृति विभाग के सहयोग से किया गया.
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और कला एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा समेत कई गणमान्य लोग इस मौके पर मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई.
हिंदू नववर्ष पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान लोक कलाकारों ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं. कैलाश खेर ने अपने भजन और सूफी गीत गाने शुरू किए तो पूरा माहौल भक्तिमय हो गया. उनके लोकप्रिय गीतों पर कार्यक्रम में शामिल लोग झूम उठे.
संस्कृति से जुड़ना समय की जरूरत: विजेंद्र गुप्ता
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस अवसर पर कहा, “चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष का समय नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ जीवन को दिशा देने का होता है. यह हमारी सांस्कृतिक पहचान और पंचांग से जुड़ा पर्व है, जो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और ‘अहिंसा परमो धर्मः’ जैसे मानवीय आदर्शों को दर्शाता है.” उन्होंने कहा कि सभी के लिए अपनी संस्कृति से जुड़ना समय की मांग है.
उन्होंने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति ने हमेशा पूरे देश को जोड़े रखा है. लेकिन आज की नई पीढ़ी आधुनिक तकनीक और पाश्चात्य प्रभाव के कारण अपनी जड़ों से दूर होती जा रही है. ऐसे में युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. यह जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर परिवार और समाज की भी है.
राष्ट्रीय सांस्कृतिक नीति वक्त की मांग
विजेंद्र गुप्ता ने एक राष्ट्रीय सांस्कृतिक नीति की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिससे नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति को आत्मसात कर सके. उन्होंने कहा, “भारतीय संस्कृति को पूरी दुनिया में सम्मान मिलता है, क्योंकि यह सरलता, नैतिकता और अनुशासन पर आधारित है. हिंदू धर्म सिर्फ एक धर्म नहीं, बल्कि सहिष्णुता, अनुशासन और संवाद पर आधारित एक जीवन शैली है. हिंदू संस्कृति को संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है.”
उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा कि राष्ट्रवाद, सांस्कृतिक गौरव और भारतीय मूल्यों को अपनाना हर नागरिक का कर्तव्य है. इस नववर्ष के अवसर पर उन्होंने लोगों से अपनी संस्कृति को अपनाने और उसकी रक्षा करने का संकल्प लेने की अपील की.
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