दिल्ली में बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब, अलर्ट जारी
Delhi Floods: दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिसका मुख्य कारण हथिनी कुंड और वजीराबाद बैराज से लगातार पानी छोड़ा जाना है. निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, यमुना का पानी शनिवार (16 अगस्त) सुबह करीब साढ़े 8 बजे 205.22 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से कुछ ही कम रह गया है.
पुराने लोहे के पुल के पास पानी का बहाव सामान्य से काफी ऊपर है, जो कई निचले इलाकों के लिए खतरे की घंटी है. जलस्तर में अचानक हुई वृद्धि से दिल्ली में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, जिसे देखते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है.
अधिकारियों का कहना है कि यमुना में पानी बढ़ने की सबसे बड़ी वजह हथिनी कुंड एवं वजीराबाद बैराज से लगातार पानी का छोड़ा जाना है. पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बैराज से हर घंटे हजारों क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है.
उनका कहना है कि बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, हर घंटे हथिनी कुंड बैराज से लगभग 35 से 40 हजार क्यूसेक पानी और वजीराबाद बैराज से 45 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे दिल्ली का जलस्तर प्रभावित हो रहा है.
48 से 50 घंटो में दिल्ली पहुंचता है बैराज का पानी
बता दें कि, बैराज से छोड़ा गया पानी 48 से 50 घंटो में दिल्ली पहुंचता है. यमुना का चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है. जलस्तर के 206 मीटर पहुंचते ही प्रशासन निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करना शुरू कर देता है.
प्रशासन अलर्ट, जनता से अपील
बढ़ते जलस्तर के बीच अलर्ट प्रशासन ने बचाव दल एवं अन्य संबंधित एजेंसियां को स्टैंड-बाय मोड़ पर रखा है ताकि आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके. वहीं, दिल्लीवासियों से अपील की जा रही है कि वे यमुना किनारे न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. ग़ौरतलब है कि, पिछले साल यमुना के जलस्तर ने 208.66 मीटर का रिकॉर्ड तोड़ा था, जिससे राजधानी के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे.
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Source: IOCL























