दिल्ली पुलिस ने 24 लाख के ऑनलाइन फ्राड किया पर्दाफाश, पकड़ा म्यूल अकाउंट किंगपिन
Delhi News: दिल्ली पुलिस ने साइबर ठग सत्यम कुलश्रेष्ठ उर्फ सैम को अरेस्ट किया है. वह ऑनलाइन ठगी में इस्तेमाल होने वाले म्यूल बैंक अकाउंट उपलब्ध कराता था. जांच में कई एजेंट्स और पीड़ित सामने आए.

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक साइबर ठग, सत्यम कुलश्रेष्ठ उर्फ सैम, को अरेस्ट किया है. आरोपी ऑनलाइन ठगी में इस्तेमाल होने वाले म्यूल बैंक अकाउंट उपलब्ध कराता था. दिल्ली पुलिस ने आरोपी से दो मोबाइल फोन और उसके बैंक से जुड़े कई अहम सबूत भी बरामद किए हैं.
पुलिस के मुताबिक, शिकायतकर्ता गोयल ने साइबर सेल में शिकायत दी कि नवंबर 2024 में उनकी पहचान एक महिला, नेहा शर्मा, से एक फ्रेंडशिप वेबसाइट पर हुई. महिला ने खुद को गुरुग्राम निवासी बताया और उन्हें स्प्रेडेक्स ग्लोबल लिमिटेड नामक फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप के जरिए निवेश करने के लिए राजी किया.
शिकायतकर्ता ने किस्तों में 24 लाख 49 हजार रुपये किए निवेश
बता दें, 15 जनवरी 2025 को शिकायतकर्ता ने पहले 8 लाख रुपये निवेश किए. ऐप पर जल्द ही एक लाख का नकली मुनाफा दिखाया गया. इसके बाद नेहा ने उन्हें और निवेश करने के लिए उकसाया. शिकायतकर्ता ने किस्तों में 24 लाख 49 हजार रुपये तक निवेश कर दिए.
लेकिन जब उन्होंने पैसा और मुनाफा निकालने की कोशिश की, तो ऐप ने साढ़े सात लाख रुपए प्रोसेसिंग फीस की मांग कर दी. इसके बाद महिला ने फोन और व्हाट्सऐप बंद कर दिए. ठगी का शिकार होने पर मामला दर्ज हुआ.
दिल्ली पुलिस की अहम कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया. पुलिस की टीम ने बैंक डिटेल्स, सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के आधार पर जांच शुरू की. पुलिस की जांच में सामने आया कि ठगी की रकम कई अकाउंट में ट्रांसफर हुई है.
इनमें से एक म्यूल अकाउंट धारक ने कबूल किया कि उसने अपना अकाउंट और दस्तावेज सैम को दिए थे, जिसने उनका गलत इस्तेमाल किया. दिल्ली पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के बाद 29 अगस्त 2025 को आरोपी सैम को गुरुग्राम सेक्टर 11 से गिरफ्तार किया.
आरोपी सैम देशभर के 50 से अधिक एजेंट्स के संपर्क में था
दिल्ली पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी सैम देशभर के 50 से अधिक एजेंट्स के संपर्क में था, जो म्यूल अकाउंट्स मुहैया कराते थे. पुलिस के मुताबिक, सत्यम ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर सैम नाम से फर्जी आईडी बनाई और खुद को ऑनलाइन गेमिंग कंपनी का प्रतिनिधि बताकर लोगों से अकाउंट मंगवाने शुरू किए.
वहीं, स्टॉक ट्रांजैक्शन पर 4.5 प्रतिशत कमीशन का लालच देकर कई बैंक अकाउंट इकट्ठा किए. ये अकाउंट बाद में ऑनलाइन स्कैमर्स को बेच दिए जाते थे. पुलिस के मुताबिक, आरोपी से और कई बड़े खुलासे होने की संभावना है. उसके सहयोगियों की तलाश जारी है.
पुलिस आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ने इस तरह की ठगी से और कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है.
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