अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी को जारी किया नोटिस, क्या है पूरा मामला?
दिल्ली हाई कोर्ट ने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से बुधवार को जवाब मांगा. उन्होंने आबकारी नीति मामले में सत्र अदालत के आदेश को चुनौती दी है.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक्साइज पॉलिसी से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इसको लेकर बुधवार (9 जुलाई) को अहम सुनवाई हुई . दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर 2024 के राउज एवेन्यू कोर्ट के उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें दो समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.
ईडी ने अरविंद केजरीवाल की अर्जी का किया विरोध
दिल्ली हाई कोर्ट में जांच एजेसी ने अरविंद केजरीवाल की अर्जी का विरोध किया. ईडी के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि इस याचिका पर अब सुनवाई का कोई आधार नहीं है. हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई के लिए सहमति जताई. कोर्ट ने जांच एजेंसी ईडी से मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है.
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जारी किए थे समन
ये समन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा ईडी की शिकायतों पर संज्ञान लेने के बाद जारी किए गए थे. जांच एजेंसी ईडी ने कोर्ट में ये शिकायतें केजरीवाल के कथित बार-बार समन देने के बावजूद पेश न होने को लेकर दायर की थीं. ये समन ईडी की उस जांच के दौरान जारी किए गए थे जो अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही है.
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 जुलाई को आप नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और अन्य से आबकारी नीति में सीबीआई से जुड़े मामले में जबाव मांगा. सीबीआई की तरफ से दायर एक याचिका में ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें एजेंसी को कुछ अप्रमाणित दस्तावेजों का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था.
सीबीआई कथित अनियमितताओं की कर रही जांच
दरअसल इस मामले में सीबीआई आबकारी नीति के बनाने में हुए कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है. वहीं ईडी इस मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. दिल्ली में नवंबर 2021 में आबकारी नीति लागू की गई थी. दिल्ली हाई कोर्ट 10 सितंबर को मामले की अहम सुनवाई करेगा.
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