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दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, अब तक जारी सभी EWS सर्टिफिकेट की होगी जांच

Delhi EWS Certificate: दिल्ली सरकार को लगता है कि EWS सर्टिफिकेट उन लोगों को भी बड़ी संख्या में जारी कर दिए गए जो अपात्र हैं. अगले आदेश तक कोई नया सर्टिफिकेट भी जारी नहीं होगा.

दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के सर्टिफिकेट को लेकर बड़ी कार्रवाई की तैयारी की गई है. 7 अप्रैल 2025 को हुई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में राजस्व विभाग की बैठक के मिनट्स के अनुसार, सरकार ने यह निर्णय लिया कि अब तक जितने भी EWS सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं, उनकी जांच कराई जाएगी. बैठक के रिकॉर्ड में यह उल्लेख किया गया कि सरकार को अंदेशा है कि बड़ी संख्या में अपात्र लोगों को ये प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए हैं. इस कारण राजस्व विभाग को निर्देश दिया गया कि अगले आदेश तक नए EWS सर्टिफिकेट जारी न किए जाएं.

बैठक में राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव, मंडलीय आयुक्त और सभी जिलाधिकारी मौजूद थे. मंडलीय आयुक्त ने विभाग की भूमिकाओं पर एक प्रस्तुति दी और बताया कि दिल्ली में कानून व्यवस्था और भू-राजस्व से जुड़ी पारंपरिक जिम्मेदारियों की तुलना में अब योजनाओं के क्रियान्वयन, विभागीय समन्वय और निगरानी की जिम्मेदारी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है. बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए तीन नई योजनाएं शुरू करने पर चर्चा हुई जिनमें डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट फंड योजना (₹53 करोड़), आपदा राहत कोष और इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (₹30 करोड़), और सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों का आधुनिकीकरण शामिल रहे.

बैठक के मिनट्स में यह भी दर्ज है कि विभाग ने 11 प्रमुख कार्य क्षेत्रों की पहचान की है जिनमें राजस्व कार्यालयों को सशक्त करना, तकनीकी स्टाफ की भर्ती, विभागीय सीमाओं का पुनर्गठन, ई-डिस्ट्रिक्ट और ई-कोर्ट सिस्टम को फेसलेस बनाना और स्टांप ड्यूटी के ज़रिए राजस्व बढ़ाना शामिल है. निर्देश दिए गए कि इन योजनाओं की कार्य योजना और समयसीमा 15 दिनों के भीतर तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए.

मिनट्स में यह भी दर्ज है कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि सप्ताह में एक दिन जनसुनवाई शिविर आयोजित किए जाएं, खासकर उन इलाकों में जो राजस्व कार्यालयों से दूर हैं. इसके अलावा, फील्ड विज़िट की संख्या बढ़ाने, निरीक्षण की रिपोर्ट देने, ‘पहले और बाद’ की तस्वीरें साझा करने, JJ क्लस्टर्स, रैन बसेरों और निजी स्कूलों का निरीक्षण करने तथा CSR फंडिंग के ज़रिए फ्लाईओवर और दीवारों की सफाई-सजावट के निर्देश भी दिए गए.

बैठक के रिकॉर्ड में यह भी उल्लेख किया गया कि हर सरकारी कार्यालय में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरें लगाई जाएं, भंडारों के बाद सफाई की जिम्मेदारी आयोजकों पर तय हो, और सार्वजनिक सुविधाओं के रखरखाव में ‘डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट फंड’ का इस्तेमाल किया जाए. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति रहेगी और पब्लिक इंटरफेस को पूरी तरह पारदर्शी व फेसलेस बनाया जाएगा.

बैठक के अंत में, जिलाधिकारियों ने स्टाफ की कमी, कार्यालय स्थान की समस्या और तकनीकी कर्मचारियों की ज़रूरत जैसे मुद्दे उठाए. मिनट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री ने इन समस्याओं पर तत्काल कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया और सभी अधिकारियों से यह अपेक्षा जताई कि वे समन्वय से काम करें और जनता को बेहतर सेवाएं दें.

शिवांक मिश्रा साल 2020 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और इस वक्त एबीपी न्यूज़ में बतौर प्रिंसिपल कॉरेस्पॉन्डेंट कार्यरत हैं. उनकी विशेषज्ञता साइबर सुरक्षा, इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग और जनहित से जुड़े मामलों की गहन पड़ताल में है. कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों के शरण मॉड्यूल से लेकर भारत में दवा कंपनियों की अवैध वसूली जैसे विषयों पर कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं. क्रिकेट और फुटबॉल देखना और खेलना पसंद है.
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