दिल्ली में बेदम साबित हुआ AAP का 'नो रिपीट फॉर्मूला', जानें- 47 में से कितने विधायकों की हुई हार?
Delhi Assembly Election Result 2025: आप के लिए चिंता की बात यह है कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन, राखी बिडलान और रधुविंदर शौकीन जैसे बड़े चेहरे भी चुनाव हार गए.

Delhi Vidhan Sabha Chunav Parinam 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आमदी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के लिए 'नो रिपीट फॉर्मूला' वाला दांव उल्टा पड़ गया. कई कारणों से चुनाव लड़ने वाले पार्टी के 47 विधायकों में से 26 चुनाव हार गए. 20 नए प्रत्याशियों पर पार्टी ने भरोसा जताया, वो भी दमखम दिखने में नाकाम रहे. 20 में से सिर्फ 4 नए प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल रहे. आप (AAP) के लिए चुनाव में सबसे नुकसानदेह यह रहा कि पार्टी के बड़े चेहरों को भी दिल्ली के मतदाताओं ने नकार दिया.
आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने 62 में से 23 मौजूदा विधायकों को टिकट न देने या किसी और सीट से टिकट देने का फैसला लिया था. इसके अलावा, तीन विधायकों का टिकट काट कर उनके रिश्तेदारों को प्रत्याशी बनाया. उस समय पार्टी को लगा था कि सत्ता विरोधी लहर में इन विधायकों का चुनाव जीतना मुश्किल होगा, लेकिन यह रणनीति पार्टी के खिलाफ गया. यही वजह है कि उसे इस बार शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा.
100 फीसदी रहा BJP का स्ट्राइक रेट
इसके उलट, बीजेपी ने 8 में से 6 मौजूदा विधायकों को चुनाव लड़ाया और सभी के सभी चुनाव जीत गए. यानी बीजेपी के सिटिंग विधायकों का इस बार स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत रहा.
आप के लिए चिंता की बात यह है कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन, राखी बिडलान और रघुविंदर शौकीन जैसे बड़े चेहरे भी चुनाव हार गए. कुल मिलाकर इस बार 70 में सिर्फ 22 सीटों पर आप जीत हासिल करने में कामयाब हुई. अब इन विधायकों को अगले पांच सालों तक विपक्ष में बैठना होगा.
47 सीटों पर मौजूदा विधायकों का प्रदर्शन शर्मनाक
वजीरपुर से राजेश गुप्ता, मॉडल टाउन से अखिलेशपति त्रिपाठी, शकूर बस्ती से सत्येंद्र जैन, शालीमार बाग से बंदना कुमारी, जंगपुरा से मनीष सिसोदिया, मोती नगर से शिवचरण गोयल, राजेंद्र नगर से दुर्गेश पाठक, ग्रेटर कैलाश से सौरभ भारद्वाज, मालविया नगर से सोमनाथ भारती, नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल, आरके पुरम ने प्रमिला टोकस, नरेला से शरद चौहान, बादली से अजेश यादव, बवाना से जय भगवान, नांगलोई जाट से रघुविंदर शौकीन, रिठाला से मोहिंदर गोयल, संगम विहार से दिनेश मोहनिया, मादीपुर से राखी बिडलान, द्वारका से विनय मिश्रा, विकासपुरी से महिंदर यादव, राजौरी गार्डन से धनवंती चंदेला, कृष्णा नगर से विकास बग्गा और उत्तम नगर से पूजा एन बालयान व अन्य चुनाव हार गए.
सिटिंग विधायकों के रिश्तेदारों ने किया निराश
आम आमदी पार्टी ने मटिया महल, कृष्णा नगर और उत्तम नगर सीट पर मौजूदा विधायकों के बदले उनके परिवार को सदस्यों को चुनाव लड़ाया, जो बीजेपी प्रत्याशी से चुनाव हार गए.
AAP से इस्तीफा देने वाले 3 प्रत्याशी भी नहीं जीते चुनाव
आप ने इस्तीफा देकर बीजेपी से चुनाव लड़ने वालों में छत्तरपुर से करतार सिंह तंवर, बिजवासन से कैलाश गहलोत चुनाव जीत गए. पटेल नगर से राज कुमार आनंद आप प्रत्याशी से हार गए. आप से इस्तीफा देकर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे सीलमुपर से अब्दुल रहमान और मुंडका से धर्मपाल लाकड़ा भी चुनाव हार गए.
80 फीसदी नए प्रत्याशी हार गए चुनाव
तिमारपुर से सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू, आदर्श नगर सीट से मुकेश कुमार गोयल, मुंडका में जसबीर कराला, मादीपुर से राखी बिडलान, जनकपुरी से प्रवीण कुमार, बिजवासन से सुरेंद्र भारद्वाज, पालम जोंगिंदर सिंह सोलंकी, जंगपुरा से मनीष सिसोदिया, त्रिलोकपुरी से अंजना पारचा, कृष्णा नगर से विकास बग्गा, शाहदरा से जितेंद्र सिंह शंटी, मुस्तफाबाद आदिल अहमद खान, मटियाला से सुमेश शौकीन, उत्तम नगर से पोसा बाल्यान, पटपड़गंज से अवध ओझा, कस्तूरबा नगर से रमेश पहलवान सहित तीन अन्य उम्मीदवार चुनाव हार गए.
सिर्फ 4 नए प्रत्याशी हुए कामयाब
आम आदमी पार्टी के नए प्रत्याशियों में केवल देवली से प्रेम चौहान, किराड़ी से अनिल झा, सीलमपुर से चौधरी जुबैर अहमद और चांदनी चौक से पुरनदीप सिंह चुनाव जीतने में सफल हुए. इनमें से देवली और किराड़ी सीट बीजेपी ने अपने सहयोगी जेडीयू और लोजपा के लिए छोड़ा था.
बता दें कि आम आदमी ने साल 2015 के चुनाव में 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की थी. उसके बाद साल 2020 के विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटें जीती थी. बीजेपी 2015 में 3 और 2020 में सिर्फ 8 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी.
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