दिल्ली के 'विंटर एक्शन प्लान' पर छिड़ी जंग, कांग्रेस ने मंत्री गोपाल राय से पूछ लिये ये सवाल
Delhi Winter Action Plan: कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए मिले फंड में से मात्र 29 प्रतिशत खर्च हुआ है. ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण का कैसे दावा किया जा सकता है?
Delhi News: दिल्ली सरकार ने सर्दियों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. 'विंटर एक्शन प्लान' की जानकारी बुधवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सचिवालय में साझा की.
उन्होंने बताया कि सरकार ने आज से ही वायु प्रदूषण के खिलाफ जंग छेड़ दी है. ‘मिल कर चलें, प्रदूषण से लड़ें’ थीम पर विंटर एक्शन प्लान काम करेगा. दिल्ली में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए ड्रोन से निगरानी, धूल विरोधी अभियान समेत 21 सूत्री विंटर एक्शन प्लान बनाया गया है.
कांग्रेस ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए एनसीआर को जिम्मेदार बताना मंत्री गोपाल राय की सबसे बड़ी विफलता है. प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा, "दिल्ली में पिछले 2 दिनों के दौरान प्रदूषण खतरनाक स्तर को पहुंच गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स का 400 के पार जाना दिल्ली सरकार की नाकामी को दर्शाता है." उन्होंने कहा कि सितम्बर महीने में नवंबर-दिसम्बर जैसे हालात हो गए हैं. पर्यावरण मंत्री नाकामियों को स्वीकारने की जगह वायु प्रदूषण के लिए एनसीआर क्षेत्रों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
'विंटर एक्शन प्लान' पर क्या बोली कांग्रेस?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "पिछले 1 महीने में आज तीसरी बार विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की गयी है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ‘‘मिलकर चलें, प्रदूषण से लड़ें’’ कार्यक्रम के प्रति खुद भी आश्वस्त दिखाई नहीं दिए. 9 अगस्त को 14 सूत्री, 9 सितम्बर को 21 सूत्री विंटर एक्शन प्लान की घोषणा पहले ही कर चुके हैं."
देवेन्द्र यादव ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आप सरकार वायु प्रदूषण समेत जनता से जुड़े किसी भी विषय का हल नहीं निकाल पायी है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियत्रंण के लिए कांग्रेस को पत्र लिखकर सुझाव मांगना दिल्ली सरकार की नाकामी थी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "मैं गोपाल राय को कहना चाहता हूं कि कांग्रेस की सरकार ने 15 वर्षों तक राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित रखा तो आम आदमी पार्टी की सरकार क्यों नहीं कर सकती?
उन्होंने पंजाब में जलाई जा रही पराली के मुद्दे पर पर्यावरण मंत्री से जवाब मांगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए मिले 742.69 करोड़ में से मात्र 29 प्रतिशत ही खर्च कर पाई है. आगामी महीनों में कैसे प्रदूषण नियंत्रण करने का दावा किया जा सकता है? देवेन्द्र यादव ने कहा कि पर्यावरण मंत्री 2016 के अनुपात में 2023 में प्रदूषण की कमी बताकर खुद को भी धोखा दे रहे हैं. दिल्ली में प्रदूषण की सच्चाई सबके सामने आनी शुरु हो गई है. उन्होंने दिल्ली सरकार को वाहनों, धूल कण, पंजाब में पराली जलाने, निर्माण कार्यों से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने का सुझाव दिया.
देवेन्द्र यादव ने कहा कि गोपाल राय के 21 सूत्री विंटर एक्शन प्लान में हॉट स्पाट की ड्रोन से निगरानी, स्पेशल टास्क फोर्स का गठन, धूल कण पर नियंत्रण, मोबाइल एंटी स्मॉग गन का संचालन, वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण, पराली से प्रदूषण, ग्रीन वार रूम, ग्रीन दिल्ली ऐप, औद्योगिक प्रदूषण, हरित क्षेत्र को बढ़ाना, रियल टाइम सोर्स अपार्शन्मेंट स्टडी, ई-वेस्ट इको पार्क, पटाखों पर प्रतिबंध, जन भागीदारी, केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद, हरित रत्न पुरस्कार, ग्रेप का क्रियान्वयन, ओपन कूड़ा बर्निंग, वर्क फ्रॉम होम, स्वैच्छिक रूप से निजी वाहनों पर अंकुश लगाना, आड-इवेन की तैयारी, कृत्रिम वर्षा शामिल हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सभी उपाय करने पर भी दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रित नहीं कर सकी है. ऐसे में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय कौन सी क्रांति लाने वाले हैं?
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