CM Arvind Kejriwal ने एक शिकायत पर आतिशी से मांगी रिपोर्ट, मुख्य सचिव ने दिया ये जवाब, जानें क्या है पूरा मामला?
Arvind Kejriwal Action: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के मुताबिक भूमि अधिग्रहण मामले में अनियमितता को लेकर जिन लोगों के खिलाफ सतर्कता कार्रवाई हुई, अब वही लोग कीचड़ उछाल रहे हैं.
Delhi News : सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार (Delhi Chief Secretary) के खिलाफ एक शिकायत मिलने के बाद सतर्कता मंत्री Atishi से रिपोर्ट मांगी है. इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एक महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के के लिए अधिक मुआवजा पाने वाले एक व्यक्ति के रिश्तेदार ने मुख्य सचिव नरेश कुमार (Naresh Kumar) के बेटे को नौकरी दी. यह पब्लिक डोमेन में यह मसला आने के बाद नरेश कुमार ने इस शिकायत को ‘‘कीचड़ उछालने’’ की हरकत करार दिया है.
दिल्ली मुख्य सचिव नरेश कुमार (Delhi Chief Secretary Naresh Kumar) ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जिन लोगों के खिलाफ सतर्कता कार्रवाई की गई, वे नाराज लोग अब कीचड़ उछाल रहे हैं.’’ दिल्ली के मुख्य सवि ने कहा कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू करने समेत आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की गई थी. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार को यह शिकायत अक्टूबर में मिली थी, जिसे मुख्यमंत्री ने सतर्कता मंत्री आतिशी के पास भेज दिया और उनसे इस विषय पर तथ्यों के साथ विस्तृत रिपोर्ट मांगी. सतर्कता मंत्री के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मुख्य सचिव के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने ‘‘अपने बेटे की कंपनी को 315 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया.’’ बयान में कहा गया है कि यह शिकायत विस्तृत जांच के लिए सतर्कता मंत्री के पास भेजी गई है.
ये है मामला
दरअसल, साल 2018 में द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के वास्ते भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के बामनोली गांव में 19 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था. शुरू में जिला प्रशासन ने इसके लिये मुआवजे की राशि 41.52 करोड़ रुपये तय की थी. भूस्वामियों ने इस मुआवजे को चुनौती दी थी और अंतत: इस साल मई में दक्षिण पश्चिम दिल्ली के जिलाधिकारी हेमंत कुमार ने इसे बढ़ाकर 353.79 करोड़ रुपये कर दिया. बाद में गृह मंत्रालय ने इस मामले में जिलाधिकारी हेमंत कुमार को बाद में निलंबित कर दिया. हाल में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी 353.79 करोड़ रुपये की इस मुआवजा राशि को खारिज कर दिया.
LG ने की थी सीबीआई जांच की सिफारिश
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्य सचिव का बेटा एक रियल एस्टेट कंपनी में काम करता है और उस कंपनी का एक निदेशक बामनोली गांव में अधिग्रहित की गयी जमीन के मालिकों में से एक सुभाष चंद कथूरिया का दामाद है. सरकारी अधिकारियों ने बताया कि 15 मई को मुआवजे की राशि बढ़ाकर 353.79 करोड़ रुपये की गयी थी. संभागीय आयुक्त अश्विनी कुमार ने दो जून को मुख्य सचिव के सामने इस विषय को उठाया था. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने संभागीय आयुक्त को इस मामले की पाक्षिक आधार पर निगरानी करने का निर्देश दिया था और बाद में सतर्कता निदेशालय को इसकी जांच करने को भी कहा था. उन्होंने कहा कि बाद में उपराज्यपाल वी के सक्सेना की मंजूरी से गृह मंत्रालय को 20 सितंबर को जिलाधिकारी के विरूद्ध सीबीआई जांच और विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी.
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets