Delhi Air Pollution: CM केजरीवाल का ट्वीट, कहा- 'प्रदूषण पर लोग कर रहे मेहनत, दिल्ली को दुनिया का सबसे बेहतरीन शहर बनाएंगे'
Delhi Air Pollution: पटाखे पर बैन के बावजूद दिल्ली के कई हिस्सों में लोगों ने पटाखे चलाए, लेकिन पिछले 2 सालों की तुलना में इसकी तीव्रता कम दिखाई दी. दिल्ली में एक्यूआई मंगलवार सुबह सात बजे 326 रहा.
Delhi CM Arvind Kejriwal on Air Pollution: दिल्ली (Delhi) में मंगलवार की सुबह वायु प्रदूषण (Air Pollution) 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंचा गया है. हालांकि, पिछले कई दिनों से दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 'खराब' श्रेणी में ही दर्ज हो रहा था. इस बीच दीपावली (Deepawali) के दिन जमकर पटाखा फूटने और पराली जलने की वजह से यह 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गया है. दिल्ली के आईटीओ (ITO) में मंगलवार की सुबह एक्यूआई 324 दर्ज हुआ. वहीं दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "प्रदूषण के क्षेत्र में दिल्लीवासी काफी मेहनत कर रहे हैं. काफी उत्साहजनक नतीजे आए हैं, पर अभी लंबा रास्ता तय करना है. दिल्ली को दुनिया का सबसे बेहतरीन शहर बनाएंगे." गौरतलब बात ये है कि दिवाली के बाद की अगली सुबह दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में भले दर्ज की गई, लेकिन अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों ने प्रदूषक तत्वों को तेजी से जमा होने से रोका और स्थिति पिछले सालों से अपेक्षाकृत बेहतर रही.
पीएम 2.5 होते हैं महीन कण
मंगलवार सुबह अपेक्षाकृत बेहतर वायु गुणवत्ता सूचकांक का मतलब यह नहीं है कि यह अच्छी हवा है. राष्ट्रीय राजधानी के 35 निगरानी केंद्रों में से 30 में सुबह सात बजे पीएम 2.5 का स्तर राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से पांच से छह गुना अधिक रहा. पीएम 2.5 महीन कण होते हैं, जो 2.5 माइक्रोन या उससे कम व्यास के होते हैं और श्वसननली के माध्यम से शरीर में गहराई तक जा सकते हैं. साथ ही फेफड़ों तक पहुंच कर रक्तप्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं.
मंगलवार की सुबह सात बजे दिल्ली में 326 रहा एक्यूआई
आतिशबाजी पर प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली के कई हिस्सों में लोगों ने पटाखे चलाए, लेकिन पिछले दो सालों की तुलना में इसकी तीव्रता कम दिखाई दी. दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार की सुबह सात बजे 326 रहा. एनसीआर के गाजियाबाद में 285, नोएडा में 320, ग्रेटर नोएडा में 294, गुरुग्राम में 315 और फरीदाबाद में 310 दर्ज हुआ. आपको बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 5 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम, 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.
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प्रदूषण में लगभग 10 प्रतिशत रहा पराली जलाने का योगदान
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के चेयर प्रोफेसर गुफरान बेग ने कहा पंजाब और हरियाणा में सोमवार को खेतों में पराली जलाई गई, लेकिन हवा की गति के कारण धुंआ छंट गया. इसलिए दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान (लगभग 10 प्रतिशत) भी बहुत अधिक नहीं रहा. हर साल दिवाली पर दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषकों में पटाखों और पराली जलाने का योगदान रहा है, लेकिन इस साल यह पूर्व के वर्षों की तुलना में अपेक्षाकृत कम रहा है.
दिल्ली में 2018 में दिवाली के दिन 281 दर्ज किया गया था एक्यूआई
मोटे तौर पर स्थिर वायु गुणवत्ता की स्थिति के पीछे एक अन्य महत्वपूर्ण कारक मध्यम हवा की गति और गर्म स्थितियां थीं, जिससे प्रदूषक तेजी से संचय नहीं कर सके और वायु गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में जाने से रोका जा सका. दिल्ली में सोमवार शाम चार बजे 24 घंटे का औसत एक्यूआई 312 दर्ज किया गया, जो सात साल में दिवाली के दिन के लिए दूसरा सबसे अच्छा एक्यूआई है. इससे पहले दिल्ली में 2018 में दिवाली पर 281 का एक्यूआई दर्ज किया था.
सात सालों में सबसे कम रहा एक्यूआई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2017 में 319 और 2016 में 431 एक्यूआई दर्ज किया गया था, रविवार शाम को दिल्ली में 24 घंटे का औसत एक्यूआई 259 दर्ज किया गया था, जो दिवाली की पूर्व संध्या पर सात सालों में सबसे कम था.