दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति की बैठक में एब्सेंट रहे ये AAP नेता, अब 20 नवंबर को होगी मीटिंग
Delhi News: समिति के अध्यक्ष प्रद्युम्न सिंह राजपूत ने बताया कि चारों नेताओं को एक और मौका दिया गया है ताकि वे अगली बैठक में उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकें.

दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने गुरुवार (13 नवंबर) अपनी बैठक में बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि समिति की अगली बैठक अब 20 नवंबर 2025 (गुरुवार) को दोपहर 2:30 बजे होगी. यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि इसमें उद्घाटित 'फांसीघर' मामले से जुड़ी जांच को आगे बढ़ाया जाएगा.
समिति की गुरुवार की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल और पूर्व उपाध्यक्ष राखी बिरला उपस्थित नहीं हुए. उनकी अनुपस्थिति पर समिति ने गंभीरता से संज्ञान लिया है. समिति के अध्यक्ष प्रद्युम्न सिंह राजपूत ने बताया कि चारों नेताओं को एक और मौका दिया गया है ताकि वे अगली बैठक में उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकें.
गहराई से किया गया अध्ययन
बैठक में समिति ने 9 अगस्त 2022 को विधानसभा परिसर में उद्घाटित 'फांसीघर' की प्रामाणिकता से जुड़े मामले की विस्तृत समीक्षा की. समिति ने इस पूरे विषय से संबंधित दस्तावेज, पुराने अभिलेख और पृष्ठभूमि सामग्री का गहराई से अध्ययन किया. बताया गया कि समिति इस बात की जांच कर रही है कि विधानसभा में बने इस कथित 'फांसीघर' का उद्घाटन नियमों और प्रक्रियाओं के अनुरूप कैसे हुआ था.
ये सदस्य रहे मौजूद
समिति के अध्यक्ष ने कहा कि आज की बैठक में अभय कुमार वर्मा, अजय कुमार महावर, नीरज बसोया, सूर्य प्रकाश खत्री और सतीश उपाध्याय जैसे सदस्य मौजूद रहे और समिति ने तय कार्यवाही को आगे बढ़ाया.
20 नवंबर को होगी बैठक
राजपूत ने कहा कि 20 नवंबर की बैठक इस जांच के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी. समिति को उम्मीद है कि जो सदस्य आज नहीं आए, वे अगली बैठक में अवश्य शामिल होकर अपना पक्ष स्पष्ट करेंगे ताकि मामले में पारदर्शिता बनी रहे और जांच निष्पक्ष तरीके से पूरी हो सके.
फांसीघर की वैधता पर उठे थे सवाल
गौरतलब है कि विधानसभा परिसर में 'फांसीघर' बनने के बाद इसकी वैधता पर सवाल उठे थे. इसके बाद विशेषाधिकार समिति को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. समिति का कहना है कि वह इस मामले में निष्पक्ष और साक्ष्य-आधारित जांच कर रही है, ताकि विधानसभा की गरिमा, जवाबदेही और संवैधानिक परंपराओं को बरकरार रखा जा सके.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















