'GST संशोधन बिल से व्यापारियों की बढ़ेगी परेशानी, कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स होंगे महेंगे', आतिशी का निशाना
Delhi News: नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि एसईजेड बीजेपी के दोस्तों के हैं. उन्हें टैक्स में छूट दी जाएगी और व्यापारियों पर तरह-तरह के नियम थोपे जाएंगे.

दिल्ली विधानसभा में बीजेपी सरकार द्वारा लाए गए जीएसटी संशोधन बिल से चिंचित व्यापारियों के मुद्दे को आम आदमी पार्टी ने सदन में पुरजोर तरीके से उठाया. नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि बीजेपी सरकार के जीएसटी संशोधन बिल से आम व्यापारियों की परेशानी और बढ़ जाएगी. सरकार अब व्यापारियों से किसी भी फॉर्मेट में कागज मांग सकती है. इससे दिल्ली के व्यापारी परेशान हैं. साथ ही बीजेपी सरकार एसईजेड को टैक्स पर छूट देने की बात कह रही है. इस तरह के व्यापारी केवल बीजेपी के खास दोस्त ही हैं. इन्हें तो छूट दी जाएगी और दिल्ली के आम व्यापारियों पर तरह-तरह नियम थोपे जा रहे हैं. इसका हम विरोध करते हैं.
व्यापारियों के फोन आम आदमी पार्टी के विधायकों के पास आने लगे- आतिशी
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि गुरुवार (7 अगस्त) को सरकार की तरफ से विधानसभा के सदन पटल पर दो जीएसटी संशोधन बिल रखे गए. जैसे ही यह बिल पटल पर रखे गए, उसके बाद से दिल्ली के व्यापारियों के फोन आम आदमी पार्टी के विधायकों के पास आने लगे. कई सारे व्यापारी हमसे मिलने भी आए. जीएसटी संशोधन बिल के कई क्लॉज को लेकर व्यापारी बहुत चिंचित हैं.
बीजेपी के खास दोस्तों को टैक्स की छूट दी जाएगी- आतिशी
आतिशी ने कहा कि जीएसटी संशोधन बिल सरकार को यह अधिकार दे देता है कि वह किसी से किसी भी फॉर्मेट में कागज मांग सकती है. व्यापारियों को परेशान करने के लिए कभी कुछ भी कागज मांगा जाता है. इस बिल के आने के बाद अब कोई तय फॉर्मेट नहीं है. सरकार अपने हिसाब से अलग अलग लोगों से अलग-अलग कागज मांग सकती है. यह व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा चिंता का कारण है. व्यापारी कह रहे हैं कि एक तरफ सरकार हमें परेशान कर रही है और दूसरी तरफ सरकार योजना बना रही है कि दिल्ली में एसईजेड को टैक्स की छूट दी जाएगी. इस देश में सबसे बड़े एसईजेड बीजेपी के खास दोस्तों के हैं. बीजेपी के खास दोस्तों को टैक्स की छूट दी जाएगी और बाकी सारे व्यापारियों के उपर तरह-तरह के नियम कानून लाए जा रहे हैं.
सदन में आतिशी ने सीएम रेखा गुप्ता से पूछा ये सवाल
वहीं, सदन में आतिशी ने सीएम रेखा गुप्ता से पूछा कि जीएसटी संशोधन बिल 2025 में जो संशोधन 16 है, यह किस संदर्भ में लाया गया है? इससे इवॉयस की प्रक्रिया और इनपुट टैक्स की प्रक्रिया में बदलाव आ रहा है. इस बात से दिल्ली के व्यापारी चिंचित हैं. इसी तरह, इनपुट क्रेडिट के सिस्टम में जो बदलाव ला रहा है, यह भी व्यापरियों के लिए चिंता का मुद्दा है. व्यापारियों का मानना है कि बार-बार इनपुट टैक्स क्रेडिट्स में बदलाव लाए जाते हैं, उसमें बहुत जटिलता हो रही है कि किसी भी व्यापारी को जीएसटी कब फाइल करनी है, कैसे और कहां फाइल करनी है, उनको पता नहीं है.
आप नेता ने कहा कि जीएसटी के दूसरे बिल में दो महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. सेक्शन पांच में जो संशोधन लाया गया है, दिखने में तो यह छोटा सा है कि प्लांट और मशीनरी को प्लांट एंड मशीनरी लिखा जाएगा. लेकिन इस छोटे से संशोधन से पूरा रियल एस्टेट सेक्टर, जो इमारतें बनाई गई हैं, जहां पर फ्लैट्स बेचे जा रहे हैं, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाए गए हैं और बेचे जा रहे हैं, उस पर असर पड़ेगा.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जीएसटी संशोधन बिल 2025 एक पूर्वव्यापी संशोधन है जो 2017 से लागू होगा. बहुत सारी निर्माण कम्पनियों, रियल एस्टेट डेवलपर्स ने इस क्लॉज के तहत इनपुट क्रेडिट लिया. उस आधार पर उन्होंने जो मकान, दुकान या इमारतें बनाई, उसके दाम तय किए. अब जब 2017 से पूर्वव्यापी संशोधन लागू किया जाएगा, इसका मतलब होगा कि मैं दिल्ली की रहने वाली हूं, लेकिन नोएडा या गुरुग्राम में किसी बिल्डर से फ्लैट खरीदा है, जिस दाम में मैंने फ्लैट खरीदा और बिल्डर ने जो दाम लगाया था, उसकी लागत 2017 के अनुसार अब बढ़ गई.
कमर्शियल कॉम्प्लेक्स की कीमत भी बढ़ेगी- आतिशी
आतिशी ने कहा कि इस बदलाव का मतलब हुआ कि जिसने फ्लैट बनाया वो बेचकर चले गए, लेकिन जिस व्यक्ति ने भी होम लोन लेकर फ्लैट खरीदा, अब उसकी फ्लैट की कीमत डेढ़ गुना बढ़ जाएगी. इसी तरह जो कमर्शियल कॉम्प्लेक्स हैं, उसकी कीमत भी बढ़ेगी. सेक्शन 14 के शेड्यूल 3 के संशोधन को देखें तो हम पाते हैं कि जहां एक तरफ आम लोग मकान, दुकान खरीद रहे हैं या लीज पर ले रहे हैं, उनसे 2017 से टैक्स लिया जा रहा है. लेकिन स्पेशल इकोनॉमी जोन में भारी टैक्स की छूट दी जा रही है. बीजेपी अपने खास दोस्तों को इस बिल के माध्यम से छूट देने वाली है.
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