(Source: Poll of Polls)
MCD मेयर के आरोपों पर AAP का पलटवार, अंकुश नारंग बोले- 'सत्ता के लालच में दलित पार्षदों के...'
Delhi News: एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि एडॉप कमेटी के चुनाव में हमने सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाई और सभी चुनाव कराए. हमने न तो हॉर्स ट्रेडिंग की, न ही कोई और गलत काम किया.

दिल्ली नगर निगम में गुरुवार (7 अगस्त) को तदर्थ समितियों के चुनाव हुए, जिसमें फिर एक बार निगम के अंदर बीजेपी और आम आदमी पार्टी चुनावी माहौल में आमने-सामने दिखाई दीं. कई समितियां के चुनाव के दौरान एससी समिति के चुनाव के दौरान दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए.
आप-बीजेपी में वार पलटवार
एक तरफ दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह का कहना है चुनाव प्रक्रिया के दौरान आम आदमी पार्टी ने अराजकता फैलाई तो वहीं निगम विपक्ष नेता अंकुश नारंग का कहा कि दिल्ली नगर निगम में दलित पार्षदों का अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है.
'सत्ता के लालच में बीजेपी ने छीना दलित पार्षदों का हक'
एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने आगे कहा कि बीजेपी के मेयर असंवैधानिक तरीके से 35 सदस्यीय एससी कमेटी को 21 सदस्यीय बनाकर चुनाव कराने की कोशिश कर रहे थे. उनका आरोप है कि सत्ता के लालच में भाजपा 14 दलित पार्षदों के अधिकार छीनने का काम किया है, ताकि वो अपनी आवाज न उठा सकें. उन्होंने ये भी कहा कि जब तक मेयर एससी कमेटी को 21 की जगह 35 सदस्यीय बनाकर चुनाव नहीं कराते है आप पार्टी का विरोध जारी रहेगा.
'हमने सकारात्मक विपक्ष की निभाई भूमिका'
अंकुश नारंग ने कहा, "एडॉप कमेटी के चुनाव हुए. हमने सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाई और सभी चुनाव कराए. हमने न तो हॉर्स ट्रेडिंग की, न ही कोई और गलत काम किया. हमारे पक्ष में वोट भी आए. आश्वासन कमेटी, स्वास्थ्य कमेटी और आज संचयी परियोजनाएं कमेटी (आरपी सेल) में हमारे पक्ष में एक-एक अतिरिक्त वोट आया.
एमसीडी में नेता विपक्ष अंकुश नारंग ने ये भी कहा, "अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) कल्याण कमेटी का चुनाव था. यह कमेटी 35 सदस्यों की होती थी, लेकिन मेयर राजा इकबाल सिंह ने कमेटी के चुनाव को रद्द कर दिया था और कहा था कि कुछ दिनों बाद चुनाव होंगे. उस दौरान उन्होंने सदन में एक प्रस्ताव लाया, जो दलित विरोधी और असंवैधानिक था."
'दलित पार्षद कमेटी में होते तो समाज की आवाज उठाते'
उन्होंने आगे कहा, "इस प्रस्ताव में 35 सदस्यों वाली एससी कमेटी को घटाकर 21 सदस्यों की कर दिया गया. हमने सदन में इसका विरोध किया. यह विरोध मिनट्स में दर्ज है, जो नगरपालिका सचिव द्वारा मेयर राजा इकबाल सिंह को भेजे गए होंगे. हमने पिछले सदन में भी कहा था कि एससी कमेटी 35 सदस्यों की होनी चाहिए. क्योंकि अगर 14 और दलित पार्षद उस कमेटी में होते, तो वे अपने क्षेत्र और दलित समाज की आवाज उठाते."
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