दिल्ली में शराब पीने वालों के लिए बड़ी खबर, घर बैठे पता चलेगा पसंदीदा ब्रांड ठेके पर है या खत्म?
Delhi New Excise Policy: दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति लाने की तैयारी में है. प्रस्तावित नीति में प्री-बुकिंग, ऐप आधारित उपलब्धता जांच और शिकायत निवारण जैसी सुविधाएं शामिल हो सकती हैं.

दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति लाने की दिशा में औपचारिक तैयारी शुरू कर चुकी है. इस नीति का मसौदा तैयार करने के लिए लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है. यह समिति राजधानी में शराब बिक्री और उपलब्धता को पारदर्शी, उपभोक्ता अनुकूल और डेटा आधारित बनाने पर काम करेगी. नई नीति का उद्देश्य पुरानी व्यवस्था की कमियों को दूर करना और आधुनिक तकनीक के जरिए उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देना है.
नई आबकारी नीति में क्या हो सकता है खास?
सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित नई आबकारी नीति में उपभोक्ताओं को अपनी पसंदीदा शराब ब्रांड की प्री-बुकिंग की सुविधा दी जा सकती है. इसका मतलब यह होगा कि ग्राहक पहले से ही किसी विशेष ब्रांड को बुक कर सकेंगे. इससे उन्हें स्टोर पर जाकर उपलब्धता को लेकर अनिश्चितता का सामना नहीं करना पड़ेगा. माना जा रहा है कि यह व्यवस्था खासतौर पर उन ब्रांड्स के लिए उपयोगी होगी जिनकी मांग अधिक रहती है.
ब्रांड उपलब्धता और मांग का डेटा होगा सरकार के पास
ड्राफ्ट नीति में यह प्रावधान भी शामिल हो सकता है कि यदि कई ग्राहक किसी खास ब्रांड को खोजते हैं और वह उपलब्ध नहीं है, तो इसकी जानकारी सीधे सरकार तक पहुंचेगी. इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि कौन से ब्रांड की मांग अधिक है. सरकार इस डेटा के आधार पर संबंधित ब्रांड को स्टोर पर उपलब्ध कराने के निर्देश दे सकेगी.
ऐप आधारित सिस्टम और शिकायत निवारण की सुविधा
सूत्रों का कहना है कि सरकार एक विशेष मोबाइल एप्लिकेशन लाने की योजना पर काम कर रही है. इस ऐप के जरिए ग्राहक अपने आसपास के स्टोर पर ब्रांड की उपलब्धता देख सकेंगे और प्री-बुकिंग कर पाएंगे. सभी शराब दुकानों को ऐप पर मैप किया जाएगा और उन्हें अपने स्टॉक की जानकारी नियमित रूप से अपडेट करनी होगी.
इससे यह भी पता चलेगा कि कौन से ब्रांड सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. ऐप में ग्राहकों के लिए शिकायत निवारण का अलग सेक्शन भी होगा, जहां वे अपनी समस्याएं दर्ज करा सकेंगे. सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया है कि इस ड्राफ्ट नीति को जनवरी 2026 तक जनता की राय और सुझाव के लिए सार्वजनिक किया जा सकता है. इसके बाद प्राप्त फीडबैक के आधार पर नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा.
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Source: IOCL























