AAP के 22 में से केवल एक विधायक को विधानसभा में मिली एंट्री, कौन हैं वो?
Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा सत्र में अन्य आप विधायकों के निलंबित होने के बावजूद, अमानतुल्लाह खान को सत्र में प्रवेश की अनुमति दी गई क्योंकि वह निलंबित नहीं किए गए थे.

Amanatullah Khan in Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन आम आदमी पार्टी (AAP) के 21 निलंबित विधायकों को परिसर में जाने से रोक दिया गया. हालांकि, विधायक अमानतुल्लाह खान को विधानसभा में एंट्री दे दी गई है. इसकी वजह यह है कि सत्र के दूसरे दिन जब आप के सभी विधायकों को सस्पेंड किया गया था, तब अमानतुल्लाह खान वहां मौजूद नहीं थे.
आप विधायक अमानतुल्लाह खान बीमार होने की वजह से विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सके थे, इसलिए उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई नहीं हुई थी. सदन की कार्यवाही में शामिल होने से पहले अमानतुल्लाह खान ने कहा, "मैं अकेला इन सब पर भारी पड़ूंगा." बाकी सभी विधायक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.
आप विधायकों को रोके जाने से नाराज आतिशी
आम आदमी पार्टी के जो 21 विधायक निलंबित हुए हैं, उनमें खुद नेता विपक्ष आतिशी भी हैं. सदन के बाहर आम आदमी पार्टी के विधायक नारेबाजी कर रहे हैं और सुरक्षाकर्मियों ने बैरिकेड लगा दिए हैं. आतिशी का कहना है कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि जनता द्वारा चुने गए विधायकों को विधानसभा परिसर में ही न जाने दिया जाए. पुलिस के पास इसको लेकर उनके पास कोई रिटेन ऑर्डर तक नहीं है. अगर कोई आदेश है तो दिखाएं. आतिशी ने कहा कि निलंबित विधायक स्पीकर विजेंद्र गुप्ता से मिलने जाएंगे.
आतिशी ने कहा कि अक्सर संसद में सांसदों के निलंबन के बाद गांधी प्रतिमा के नीचे विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया जाता है, लेकिन सांसदों को कभी भी परिसर में जाने से नहीं रोका जाता. दिल्ली विधानसभा में जब बीजेपी विपक्ष में थी तो भी महात्मा गांधी या बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के नीचे विरोध करती थी, उन्हें भी कभी नहीं रोका गया. आतिशी का दावा है कि लोकतंत्र में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जनता द्वारा चुने गए विधायकों को विधानसभा परिसर में जाने ही न दिया जाए.
आप विधायकों की एंट्री पर रोक पर क्या बोले बीजेपी विधायक
आप विधायकों को परिसर में रोके जाने पर बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट का बयान आया है. उन्होंने कहा कि हम नियमों का, रूल बुक का और बीआर आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का सम्मान करते हैं. जिस प्रकार से सदन के अंदर एलजी के दिल्ली के भविष्य पर चर्चा कर रहे थे, उनको ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए और विनम्रता से विरोध करना चाहिए. उन्हें बाहर किया जाना नियमों के अंतर्गत ही आता है.
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Source: IOCL























