Thug Gang: ठग गैंग के लालच में आकर शख्स ने गंवाए 30 लाख, 125 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश, दुबई-फिलीपींस से जुड़े हैं तार
Delhi Crime: ऑनलाइन ठगों ने मिलकर एक शख्स से 30 लाख की ठगी की वारदात को अंजाम दे डाला. इस मामले में पुलिस ने 5 साइबर ठगों को गिरफ्तार करने में कमायाबी पाई है.
Delhi Crime: अगर आप भी ऑनलाइन शॉर्ट-कट तरीकों से पैसा कमाने की सोच रहे हैं तो हो जाइए सावधान, नहीं तो आप भी हो सकते हैं साइबर ठगों के हमले का अगला शिकार. जी हां, आजकल साइबर ठग शॉर्ट टर्म ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट पर सुनिश्चित लाभ का लालच देकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. जब तक वे इन ठगों के मंशा को समझ पाते हैं, तब तक साइबर ठग उनसे मोटी रकम ऐंठ चुके होते हैं. ऐसी ही ऑनलाइन ठगी के एक मामले का खुलासा सेंट्रल दिल्ली की साइबर थाने की पुलिस ने की है, जिसमें ऑनलाइन ठगों ने मिलकर एक शख्स से 30 लाख की ठगी की वारदात को अंजाम दे डाला. इस मामले में पुलिस ने 5 साइबर ठगों को गिरफ्तार करने में कमायाबी पाई है, जिनके तार दुबई और फिलीपींस से जुड़े हुए हैं.
लालच दिखा ठगे 30 लाख रुपये
सेंट्रल दिल्ली के डीसीपी सचिन कुमार के अनुसार एक शिकायतकर्ता आशीष अग्रवाल ने नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज की गई शिकायत में बताया कि मई 2023 में उनके वाट्सएप पर एक मैसेज आया था, जिसमें उन्हें टेलीग्राम एप पर इन्वेस्ट करने पर सुनिश्चित लाभ ले लालच दिया गया था. ठगों ने उन्हें लालच देने के लिए उनसे मात्र 1000 हजार रुपये निवेश करने को कहा, जिसके बदले उन्हें 1100 रुपये देने की पेशकश की गई. शिकायतकर्त्ता छोटी रकम और निश्चित लाभ के लालच में आ गया और उसने हजार रुपये ठगों के कहने पर निवेश कर दिए. इसके बाद उन्होंने शिकायतकर्ता से 11 हजार रुपये पाने के लिए 10 हजार और फिर 1 लाख निवेश करवाया. जब उनका भरोसा ठगों पर हो गया तो उन्होंने उनसे 30 लाख रुपये निवेश करवा लिए. उसके बाद न तो उन्हें लाभ मिला और न ही मूलधन. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने एनसीआरपी पर इसकी शिकायत दर्ज की. मामले की गंभीरता को देखरे हुए 3 जून को सेंट्रल दिल्ली के साइबर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. इसके लिए एसीपी ऑपरेशन के. सिंह की देखरेख में साइबर थाने के एसएचओ खमेंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में एसआई धीरेंद्र कंवर, एएसआई संजय कुमार सिंह, हेड कॉन्स्टेबल सतीश यादव, महिला हेड कॉन्स्टेबल मीनाक्षी और अन्य की टीम का गठन किया.
करेंट अकाउंट से पुलिस 2 आरोपियों तक पहुंची
जांच में जुटी पुलिस टीम ने ठगी से संबंधित बैंक एकाउंट और उससे लिंक मोबाइल नंबर की जानकारी हासिल कर संबंधित मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रेकॉर्ड और बैन खातों का विश्लेषण किया. जिसमें उन्हें पता चला कि ठगी की रकम को देश के विभिन्न शहरों के 25 अलग-अलग अकाउंट में लिए गए थे, जिसे आगे ठगों द्वारा अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया था. इन बैंक अकाउंट में एक करंट अकाउंट था, जिसे नांगल राया के पते पर फर्जी फर्म एयर स्काई नाम से खोला गया था. उस पते के सत्यापन में पुलिस को सुहैल अकरम और उसके साथी गौरव शर्मा द्वारा उस जगह को किराए पर लेने का पता चला. इतना ही नहीं, ठगों ने इस पते पर 11 अन्य फर्जी कम्पनियां भी रजिस्टर करा रखी थी, जिसके डायरेक्टर अलग-अलग थे.
ऐसे करवाते थे फर्जी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन
प्रारंभिक जांच के बाद दिल्ली पुलिस सुहैल अकरम और गौरव शर्मा की तलाश में जुट गई थी. आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और 18 सितंबर को पुलिस ने उन दोनों को मालवीय नगर से दबोच लिया. उनके कब्जे से विभिन्न नामों के मोहर, बैंक एकाउंट और डेबिट कार्ड बरामद किए गए. जिन्हें जब्त कर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह स्वीकारते हुए खुलासा किया कि वे किराए पर जगह लेकर जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन करवाते थे. आगे वे उन फर्जी कंपनी के नाम पर विभिन्न बैंकों खासतौर से आरबीएल बैंक में खाता खुलवाते थे. सुहैल का दोस्त अकरम इन फर्जी कंपनी में डायरेक्टर के नॉमिनेशन के लिए लोगों की व्यवस्था करता था. आरोपियों के खुलासे पर पुलिस ने सुहैल को भी गिरफ्तार कर लिया.
दुबई और फिलीपींस से जुड़े हैं ठगों के तार
सुहैल ने पुलिस को बताया कि वो फर्जी करंट अकाउंट को गुरुग्राम, हरियाणा के रहने वाले विवेक कुमार सिंह को उपलब्ध करवाता था. सुहैल की निशानदेही पर पुलिस ने विवेक कुमार सिंह और उसके सहयोगी मनीष कुमार को भी गिरफ्तार जर लिया. विवेक वह कड़ी है जो दुबई और फिलीपींस के अपने समकक्ष के संपर्क में था. भारत में वो इस तरह की ठगी को अपने साथियों की सहायता से अंजाम देता था. पूछताछ में विवेक ने पुलिस को बताया कि वह टेलीग्राम और लिंक्डइन के माध्यम से वह कुछ विदेशी नागरिकों के संपर्क में आया जो ऑनलाइन सट्टेबाजी, गेमिंग और इन्वेस्टमेंट में शामिल हैं. उसने खुलासा किया कि इन फर्जी बैंक खातों में हर दिन एक करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन होता है. विवेक कुल लेनदेन का 3 से 4 प्रतिशत कमीशन लेता था, जबकि सुहैल को डेढ़ प्रतिशत कमीशन मिलता था.
सवा सौ करोड़ की ठगी का हुआ खुलासा
आरोपियों के कब्जे से अपराध से संबंधित विभिन्न व्हाट्सएप चैट, 25 मोबाइल फोन, 31 सिम कार्ड, कई आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक एकाउंट, चेक, होंडा सिटी कार, ठगी के पैसों से खरीदे गए विभिन्न प्रकार के घरेलू सामान, बैंक में फ्रीज किये गए सवा करोड़ से ज्यादा रुपये आदि बरामद किए हैं. इस मामले में पुलिस उनसे पूछताछ कर आगे की जांच में जुटी हुई है. अब तक कि छानबीन में आरोपियों के अकाउंट में कुल सवा सौ करोड़ से ज्यादा के ट्रांजेक्शन का पता चला है.
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