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छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से BJP का अभेद्य किला बनी हुई हैं ये 6 सीटें, क्या कांग्रेस बढ़ायेगी टेंशन?
Lok Sabha Election: छत्तीसगढ़ की छह लोकसभा सीटों पर बीजेपी को अब तक हार का सामना नहीं करना प़ड़ा है. बीजेपी के अभेद्य किले पर कांग्रेस की पैनी नजर है. इसलिए रणनीति बनायी गयी है.
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Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024: छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीट में से छह बीजेपी का अभेद्य किला बनी हुई है. 2000 में राज्य गठन के बाद से अब तक बीजेपी को हार नहीं मिली है. कांग्रेस को भरोसा है कि इस बार बीजेपी के किले में सेंधमारी होगी.
बीजेपी जीत बरकरार रखने के प्रति आश्वस्त नजर आती है. छह सीट में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कांकेर, सरगुजा, रायगढ़, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जांजगीर-चांपा, सामान्य वर्ग के लिए रायपुर और बिलासपुर शामिल हैं.
राज्य गठन से अभेद्य किला बनी हुई है ये 6 सीट
राजनांदगांव लोकसभा सीट पर बीजेपी 2000 से लगातार जीत का परचम लह रहा रही है. 2007 के उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी. इस बार कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनावी रण में उतारा है. मध्य प्रदेश से अलग होने का फायदा बीजेपी को छत्तीसगढ़ में मिला है. छत्तीसगढ़ के विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में बीजेपी का अच्छा प्रदर्शन रहा. बीजेपी ने 2003 से 2018 तक 15 वर्षों में राज्य की सत्ता लगातार संभाली. 2023 का विधानसभा चुनाव जीतनेवाली बीजेपी चौथी बार सत्ता में आई.
BJP को मात देने के लिए कांग्रेस का क्या प्लान
बीजेपी ने 2004, 2009 और 2014 में 10 लोकसभा सीट जीती थीं. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बावजूद 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने नौ सीटों पर जीत का झंडा गाड़ा. छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर तीसरे चरण का मतदान 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई को होगा.
दोनों दलों ने राज्य में लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं. कांग्रेस ने बीजेपी के छह किलों को भेदने की रणनीति बनायी है. एक मौजूदा विधायक, दो पूर्व विधायकों, दो नये चेहरों और एक अनुभवी नेता पर दांव लगाया है.
रायपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने निवर्तमान सांसद सुनील सोनी को हटाकर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मैदान में उतारा है. वर्ष 2019 में सोनी ने कांग्रेस के प्रमोद दुबे को 3,48,238 मतों के अंतर से हराया था. महाराष्ट्र के मौजूदा राज्यपाल रमेश बैस ने बीजेपी के टिकट पर सात बार (1989, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में) जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने इस बार रायपुर सीट से पूर्व विधायक विकास उपाध्याय को मैदान में उतारा.
कांकेर लोकसभा सीट पर भी बीजेपी ने सांसद मोहन मंडावी का टिकट काटकर पूर्व विधायक भोजराज नाग को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने बीरेश ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है. ठाकुर पूर्व में पंचायत निकायों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
बीजेपी ने जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट से निर्वतमान सांसद गुहाराम अजगले को भी टिकट नहीं दिया है और नये चेहरे के तौर पर महिला नेता कमलेश जांगड़े को मैदान में उतारा है. कांग्रेस की ओर से प्रदेश के पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया चुनाव लड़ेंगे.
सरगुजा में बीजेपी ने हर चुनाव में अपना उम्मीदवार बदला और सीट जीतने में कामयाबी हासिल की. इस बार इस सीट से पूर्व विधायक चिंतामणि महाराज को टिकट मिला है. कांग्रेस ने युवा नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री तुलेश्वर सिंह की बेटी शशि सिंह को मैदान में उतारा है.
रायगढ़ सीट से बीजेपी ने नये चेहरे राधेश्याम राठिया को टिकट दिया है. कांग्रेस ने मेनका देवी सिंह पर भरोसा दिखाया है. सिंह राज्य में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली पूर्व सारंगढ़ शाही परिवार से हैं. बिलासपुर सीट पर बीजेपी के पूर्व विधायक तोखन साहू और कांग्रेस के निवर्तमान विधायक देवेन्द्र यादव आमने सामने हैं.
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