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Chhattisgarh: बांगो बांध के पानी से खेतों की हरियाली के साथ मिली बिजली, पिछले तीन साल का रिकॉर्ड टूटा
Kobra Electricity Production: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हसदेव मिनीमाता बांगो बांध के पानी से जहां खेतों में लगी फसल को संजीवनी मिली है, वहीं बिजली उत्पादन का भी रिकॉर्ड बन गया है.
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Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हसदेव मिनीमाता बांगो बांध के पानी से जहां खेतों में लगी फसल को संजीवनी मिली है, वहीं बिजली उत्पादन का भी रिकॉर्ड बन गया है. अगस्त में बांगो हाइडल प्लांट से रिकॉर्ड 69 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है. बिजली की डिमांड बढ़ने पर जहां थर्मल संयंत्रों पर दबाव बढ़ा तो हाइडल प्लांट से अतिरिक्त बिजली भी मिली है. मौसम की बेरुखी के कारण अगस्त में जब बिजली की डिमांड में अनुमान से कहीं अधिक इजाफा हुआ तो उत्पादन कंपनी के बांगो हाइडल प्लांट बड़ा सहारा बना. उत्पादन कंपनी का एकमात्र जल विद्युत संयंत्र हसदेव बांगो बांध परियोजना में है, जिसकी क्षमता 120 मेगावाट की है, जहां पर 40 मेगावाट की तीन यूनिट है. इसकी स्थापना बिजली कंपनी ने 1994-1995 में की थी. अगस्त में तीनों यूनिट से बिजली उत्पादन किया गया.
बिजली उत्पादन में पिछले तीन साल का रिकॉर्ड टूटा
इस तरह बीते माह उत्पादन कंपनी के बांगो हाइडल प्लांट से रिकॉर्ड 69.323 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हुआ. बीते तीन वित्तीय वर्ष के अगस्त महीने में अब तक का यह सबसे ज्यादा उत्पादन है. साथ ही 77.65 फीसदी सर्वाधिक पीएलएफ (प्लांट लोड फैक्टर) भी हासिल की है. ताप आधारित बिजली संयंत्रों की यूनिट फुल लोड पर चलाने से तकनीकी खराबी आने या फिर बिजली की डिमांड बढ़ने पर हाइडल प्लांट से बिजली ली जाती है. भले ही चालू वित्तीय वर्ष में बिजली की मांग के पीक सीजन का दौर खत्म हो चुका है, किंतु अगस्त में मानसून के रूठने और खंड बारिश की वजह से उमस से राहत पाने के लिए लोगों ने कूलर व एसी उपकरण का इस्तेमाल किया है. इससे बिजली की डिमांड बढ़ने पर मांग के अनुरूप आपूर्ति में हाइडल प्लांट सहायक बनी. इसके अलावा बांगो बांध के पानी से बारिश नहीं होने के कारण सूख रहे खेतों की फसल को संजीवनी मिली है.
अगस्त में रही अधिकतम डिमांड
अगस्त में बिजली की अधिकतम डिमांड 5600 मेगावाट जा पहुंची थी. डिमांड पूरा करने हाइडल प्लांट की तीनों यूनिट को भी चलानी पड़ी. राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी की थर्मल संयंत्रों की क्षमता 2840 मेगावाट है. 120 मेगावाट की क्षमता हाइडल प्लांट की है. जब मांग में इजाफा होता है तो सेन्ट्रल सेक्टर से महंगी बिजली खरीदनी पड़ती है. ऐसी परिस्थिति में बांगो हाइडल प्लांट की अतिरिक्त बिजली बड़ा सहारा होती है.
गत वर्ष से 4 गुना ज्यादा बिजली उत्पादन
पिछली बार अगस्त में हाइडल प्लांट से 17.085 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हुआ था. जबकि अगस्त 2021 में 66.988 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन कर 75.03 फीसदी पीएलएफ हासिल किया था. इस बार 69.323 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन में 77.65 फीसदी पीएलएफ हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया है. इस तरह गत वर्ष की तुलना में 4 गुना अधिक बिजली उत्पादन हुआ है. चालू वित्तीय साल के अगस्त की समाप्ति तक बांगो हाइडल प्लांट ने 130.220 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन कर चुका है, जबकि अभी वित्तीय वर्ष की समाप्ति 7 महीने का समय बचा हुआ है. सितंबर में बांगो बांध से पानी छोड़ा गया है. अक्टूबर में भी बांगो हाइडल प्लांट का सहारा लिया गया तो उत्पादन में नए रिकॉर्ड बनेंगे.
नया हाइड्रो पावर प्लांट लगाने पर्यावरण मंजूरी का इंतजार
उत्पादन कंपनी का बांगो बांध में ही 1200 मेगावाट क्षमता का नया हाइड्रो पावर प्लांट स्थापना की योजना बनी है. पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. कंपनी यहां पंप स्टोरेज तकनीक का प्लांट लगाने डीपीआर बनाएगी. बांध के ऊपरी जल भराव क्षेत्र में यह प्लांट स्थापित होगी. बांगो बांध के नीचे हाइडल प्लांट की तीनों यूनिट है. जब तेज गति से बांध से पानी छोड़ा जाता है तो उसकी ऊर्जा से टरबाइन को घुमाने से बिजली पैदा होती है. बांध से नीचे पानी नदी में बह जाता है, लेकिन नए हाइड्रो पावर प्लांट में बांध के पानी का दोबारा इस्तेमाल हो सकेगा. यह प्लांट ऊपरी जलभराव क्षेत्र में स्थापित की जाएगी.
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