Chhattisgarh: राज्य में उत्पादन से अधिक बिजली की डिमांड, जानिए कैसे की जा रही आपूर्ति
Chhattisgarh राज्य में अप्रैल महीने के शुरुआत में ही बिजली की डिमांड रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. यहां रोजाना 5300 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ रही है.
Electricity Demand In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में बढ़ती गर्मी के चलते अप्रैल महीने के शुरुआत में ही बिजली की डिमांड रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. रोजाना 5300 मेगावाट की बिजली की जरूरत पड़ रही है लेकिन राज्य में बिजली उत्पादन इससे काफी कम है. तापीय और जलीय विद्युत उत्पादन मिलाकर केवल 3080 मेगा वाट बिजली उत्पादन होता है. ऐसे में आखिर कैसे बिजली पूरी की जा रही है, यह हम आपको बताएंगे.
दरअसल अप्रैल महीने में गर्मी बढ़ने के साथ ही लोगों एसी, कूलर, फ्रिज जैसे ज्यादा बिजली लोड वाले उपकरण का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा गर्मियों में भी रबी फसल बोई जाती है. ऐसे में किसान भी गर्मियों के दिन बोर चला रहे हैं, इसके साथ ही कोरोना के बाद उद्योग कारखानों में भी तेजी से काम शुरू हुआ है. यही कारण है कि बिजली की डिमांड 5 हजार मेगा वॉट पार कर चुकी है.
उत्पादन से अधिक बढ़ा बिजली की डिमांड
छत्तीसगढ़ में बिजली की डिमांड उत्पादन से अधिक हो गई है, राज्य में कुल 3080 मेगा वॉट बिजली का उत्पादन होता है. इसमें से सर्वाधिक उत्पादन केवल कोरबा जिले में ही होता है. लेकिन बिजली की डिमांड राज्य में रोजाना 5300 मेगावाट तक पहुंच गई है. यानी उत्पादन से कहीं अधिक डिमांड बढ़ गई है. बिजली की डिमांड बढ़ने को लेकर विद्युत विभाग के पीआरओ भीम सिंह कवर ने बताया कि बेतहासा गर्मी के चलते बिजली की डिमांड बढ़ी है, राज्य में रोजाना 5300 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ रही है. बिजली की डिमांड बढ़ने का कारण बेताहसा गर्मी और कोरोना के बाद सारे इंडस्ट्री खुल गई हैं, इस कारण बिजली की डिमांड बढ़ी है. इसकी पूर्ति की जा रही है. वहीं अपको बता दें कि राज्य में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है.
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केंद्रीय इकाई से भी मिलती है सहायता
गैरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बिजली उत्पादन के लिए केंद्रीय इकाई भी संचालित है. केंद्रीय विद्युत उपक्रम में एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा में 2600 मेगावाट का उत्पादन होता और यहां से छत्तीसगढ़ ,मध्य प्रदेश और गोवा में विद्युत सप्लाई की जाती है. इसी तरह एनटीपीसी सीपत बिलासपुर में 2980 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है. यहां से भी छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गोवा में विद्युत सप्लाई होता है. इससे छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त बिजली भार की सप्लाई की जा रही है.
ओवरलोड का से हो सकती है परेशानी
फिलहाल बिजली की डिमांड और बढ़ने से विद्युत विभाग की परेशानी बढ़ सकती है. ओवरलोड से विद्युत कनेक्शन खराब हो जाते हैं. ट्रांसफार्मर में भी आग लगने की शिकायत काफी मिली थी. इसलिए विद्युत विभाग के अधिकारी छत्तीसगढ़ में बिजली डिमांड और सप्लाई को लेकर लगातार नजरें बनाए हुए हैं.
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