Bastar News: हसदेव अरण्य में माइनिंग के लिए पेड़ काटे जाने पर विवाद बढ़ा, टीएस सिंह देव बोले- 'जो गांव वाले चाहेंगे मैं उसी के साथ हूं'
Hasdeo Aranya Coal Mining: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हसदेव अरण्य के परसाकोल ब्लॉक में 95 हजार पेड़ कटेंगे. सामाजिक कार्यकर्ताओं का अनुमान है कि कटने वाले पेड़ों की संख्या दो लाख से ज्यादा होगी.

Hasdeo Aranya Forest: देश के सबसे घने जंगलो में से एक छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में माइनिंग के लिए पेड़ काटे जाने पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इस मामले को लेकर लगातार प्रभावित ग्रामीणों के साथ-साथ पर्यावरण प्रेमी भी सड़क पर उतर कर आंदोलन कर रहे हैं और माइनिंग के लिए काटे जा रहे पेड़ों का विरोध कर रहे हैं. वहीं इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस सिंह देव ने भी बस्तर दौरे के दौरान इस पर बयान जारी किया है.
मंत्री टी.एस सिंह ने कहा मैं ग्रामीणों के साथ हूं
इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस सिंह देव ने कहा कि मेरी शुरू से एक ही राय है, जो गांव वाले चाहेंगे मैं उसी के साथ हूं. लेकिन अगर इस मामले को लेकर आधा-आधा गांव बंट गया है तो मैं ऐसी जगह नहीं जाता, एक राय में जो गांव रहते हैं वहां मैं रहता हूं. मंत्री ने आगे कहा कि उनके विधानसभा के भी 2 गांव अरण्य क्षेत्र में आते हैं और उन दोनों गांव के ग्रामीणों की एक ही राय है कि वहां कोल माइनिंग ना हो.
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माइनिंग के लिए दो लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाने हैं
उन्होंने आगे कहा, इसके अलावा एक और तीसरे गांव के सालही पारा के लोगों ने भी मुआवजा लेने से साफ इंकार कर दिया है. टी.एस देव ने कहा कि यह लोग नहीं चाहते हैं कि यहां पर माइनिंग हो ऐसे में मंत्री ने भी कहा कि वे भी उन ग्रामीणों के ही साथ हैं. गौरतलब है कि आदिवासियों के प्रतिरोध और धरने के कारण पिछले हफ्ते यहां पेड़ काटने का काम रोक दिया गया. लेकिन ग्रामीणों को डर है कि यह कभी भी दोबारा शुरू हो सकता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हसदेव अरण्य के परसाकोल ब्लॉक में 95 हजार पेड़ कटेंगे. हालांकि सामाजिक कार्यकर्ताओं का अनुमान है कि कटने वाले पेड़ों की असल संख्या दो लाख से ज्यादा होगी. वहीं अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है.
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