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Ambikapur News: खास पहचान रखने वाले अंबिकापुर स्टेशन पर ट्रेनों की संख्या कम, बढ़ी यात्रियों की परेशानी
Ambikapur Station: अंबिकापुर रेलवे स्टेशन की ऐसी खूबी है जो इसे दूसरे स्टेशनों से अलग करती है. लेकिन फिलहाल यहां यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

(अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन)
Ambikapur: देश में जब भी बड़े और खूबसूरत रेलवे स्टेशनों का जिक्र होता है तो लोग लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, हावड़ा के अलावा चेन्नई के स्टेशनों की बात करते हैं. लेकिन, छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अम्बिकापुर के रेलवे स्टेशन की एक खूबी उसको दूसरे स्टेशनों से अलग करती है. शायद यही वजह है कि ट्रेन से सफर कर अम्बिकापुर (Ambikapur) आने वाले यात्री यहां के स्टेशन की तारीफ किए बिना नहीं रहते. हालांकि, इन दिनों अम्बिकापुर में ट्रेनों की संख्या कम होने से यहां की खूबसूरती पर ग्रहण लग रहा है.
दरअसल, सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर में स्थित रेलवे स्टेशन पहली मंजिल पर संचालित होता है. महल की तरह दिखने वाले इस स्टेशन परिसर में नीचे ग्राउंड फ्लोर पर विभागीय कार्य होते हैं, जबकि फर्स्ट फ्लोर पर टिकट और स्टेशन मास्टर कक्ष संचालित होता है. इसके साथ ही ट्रेनों का आवागमन भी फर्स्ट फ्लोर के सतह पर होता है. ऐसे में यात्रियों को ऊपर चढ़ना पड़ता है, तब उन्हे ट्रेन मिलती है. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कहीं ऐसा नहीं है कि पहली मंजिल पर रेलवे स्टेशन संचालित होता हो.

लोगों के लिए अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन पर हैं ये सुविधाएं
इसके अलावा अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन में दिव्यांगों के लिए काफी अच्छी व्यवस्था है. उनके लिए अलग टिकट काउंटर के साथ स्टेशन से नीचे आने के लिए रैंप बनाया गया है जो दिव्यांग यात्रियों के लिए काफी सुविधाजनक है. इसके साथ ही रेल स्टेशन परिसर में हरे-भरे पेड़-पौधे लगे हुए हैं. लोगों के लिए पार्क भी बनाया गया है और यह स्टेशन आने वाले यात्रियों की थकावट मिटाने का काम करता है. पार्क में बैठने के लिए कुर्सी के साथ-साथ झूले आदि की भी व्यवस्था है.
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जानिए ट्रेन आने पर क्यों फैल जाती हैं अव्यवस्था
वहीं अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन पर अब तक साइकिल या कार स्टैंड का ठेका नहीं हुआ है. इसकी वजह से स्टेशन में जब ट्रेन आती है तो अव्यवस्था फैल जाती है. कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है. इस संबंध में एबीपी न्यूज़ ने जब रेलवे विभाग के पीआरओ साकेत रंजन से बात की तो उन्होंने जल्द ही इस समस्या के समाधान की कोशिश करने की बात कही. फिलहाल, वर्तमान में साइकिल और कार स्टैंड का ठेका नहीं होने से समस्या बनी हुई है. साइकिल स्टैंड का ठेका नहीं होने से एमएसटी वाले यात्रियों को परेशानी होती है.

फिलहाल चल रही हैं सिर्फ इतनी ट्रेनें
बता दें कि, कोरोना काल से पहले अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन से छह ट्रेनें चलती थीं. सुबह, दोपहर और शाम के वक्त, लेकिन जब कोरोना के मामले बढ़े, तब से तीन ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया है. उसका संचालन अब तक शुरू नहीं किया गया है. वर्तमान में यहां से सिर्फ दो ट्रेनें चल रही हैं, जिसमें अम्बिकापुर-दुर्ग और अम्बिकापुर-शहडोल शामिल हैं. अम्बिकापुर में ट्रेनों की संख्या कम होने से सरगुजा अंचल के लोगों में निराशा है.
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