विपक्षी पार्टियों की बैठक में बोले तेजस्वी- 2024 के लिए अभी से हो तैयारी, मुद्दों में नयापन लाने की जरूरत
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, " विपक्ष के पास असंख्यक मुद्दे हैं, लेकिन हम मुद्दों को लोगों की नाराजगी के अनुपात में भुना नहीं पा रहे हैं. विपक्ष में निरंतर संवाद की कमी है."

पटना: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को ऑल ऑपोजिशन पार्टी की बैठक बुलाई थी. बैठक में 2024 में मौजूदा भाजपा सरकार को कैसे शिकस्त दी जाए इस पर सभी पार्टियों के नेताओं से चर्चा की गई. इस दौरान बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि 2024 में विपक्ष की क्या रणनीति होगी? उस पर अभी से तैयारी करनी चाहिए. पिछले सात सालों में विपक्ष एक ही तरीके से चुनाव लड़ रहा है.
बिहार और बंगाल से लें सीख
उन्होंने कहा, " विपक्ष अपने अजेंडे पर चुनाव लड़ें. मुद्दों में धार और नयापन लाने की ज़रूरत है. बिहार और बंगाल ने दिखाया बीजेपी से कैसे लड़ा जा सकता है. आज महंगाई, बेरोजगारी और सरकार की जनविरोधी नीतियों से मध्यम वर्ग त्रस्त है. आरजेडी ने चुनाव नतीजों के बाद से ही किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों, महंगाई और जातिगत जनगणना को लेकर सड़क से लेकर सदन और संसद तक प्रदर्शन किया है."
तेजस्वी यादव ने कहा, " विपक्ष को सड़क पर आना ही होगा. जीत-हार चुनाव नतीजों के बाद से ही विपक्ष को अगले चुनाव की तैयारी करनी चाहिए. चुनाव से चंद दिन पहले ही गठबंधन होने से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है. जो भी गठबंधन और उससे संबंधित सहमति हो, वह तय समय सीमा में चुनाव से पूर्व ही बने."
विपक्ष में निरंतर संवाद की कमी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, " विपक्ष के पास असंख्यक मुद्दे हैं, लेकिन हम मुद्दों को लोगों की नाराजगी के अनुपात में भुना नहीं पा रहे हैं. विपक्ष में निरंतर संवाद की कमी है. राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर विपक्ष का सांझा कार्यक्रम तय होना चाहिए. विपक्ष को एक विकल्प पेश करना चाहिए कि हम सब साथ है. क्या हमारा कार्यक्रम है. क्या हमारी योजना और विजन है."
तेजस्वी ने कहा, " जिन राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हैं, उन्हें वहां ड्राइविंग सीट पर बैठाना चाहिए. विपक्ष के सभी दल जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाए. यूपीए ने 2011 की जनगणना में आर्थिक शैक्षणिक जातीय गणना के आंकड़े इकट्ठे करवाए, लेकिन बीजेपी सरकार ने उन आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया. विपक्ष को जातीय जनगणना पर एक होकर सरकार पर दबाव बनाना चाहिए. यह महत्वपूर्ण मुद्दा है."
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