सुशील मोदी ने तेजस्वी से की इस्तीफे की मांग, कहा- बेनामी संपत्ति मामले में बरी होने तक मत लड़ें चुनाव
सुशील मोदी ने कहा कि अब सरकारी कर्मचारियों के लिए सम्पत्ति खरीदने-बेचने से पहले सरकार को जानकारी देना अनिवार्य करने का फैसला भी नौकरशाही में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने वाला है.

पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यस6 सांसद सुशील मोदी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से इस्तीफा देने की मांग की है. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश सरकार पर हमलावर तेजस्वी यादव पर सुशील मोदी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि खुद भ्रष्टाचार के मामलों में आआरोपित नेता प्रतिपक्ष को सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं, बेनामी सम्पत्ति मामले में बरी होने तक उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए.
सुशील मोदी ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्वीट में कहा, " जिनके माता-पिता के राज में मुख्यमंत्री आवास तक में भ्रष्टाचार फैला था और अपराधियों को राजनीतिक शरण दी जाती थी, उन्हें भ्रष्टाचार नियंत्रण पर अंकुश के लिए एनडीए सरकार की पहल कभी नहीं दिखती. बिहार सरकार ने आय से अधिक सम्पत्ति जब्त कर स्कूल खोलने की मिसाल कायम की."
जिनके माता-पिता के राज में मुख्यमंत्री आवास तक में भ्रष्टाचार फैला था और अपराधियों को राजनीतिक शरण दी जाती थी, उन्हें भ्रष्टाचार नियंत्रण पर अंकुश के लिए एनडीए सरकार की पहल कभी नहीं दिखती।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 31, 2021
उन्होंने कहा, " अब सरकारी कर्मचारियों के लिए सम्पत्ति खरीदने-बेचने से पहले सरकार को जानकारी देना अनिवार्य करने का फैसला भी नौकरशाही में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने वाला है. तेजस्वी यादव यदि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर हैं, तो उन्हें विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिए और बेनामी सम्पत्ति मामले में बरी होने तक चुनाव नहीं लड़ना चाहिए."
लालू-राबड़ी राज में गरीब के बच्चों की पढाई के लिए स्कूलों में लगभग 4 लाख शिक्षकों की कमी थी। जब एनडीए सरकार ने दो चरणों में तीन लाख से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति की, तब लालू प्रसाद उनकी डिग्री को फर्जी बता रहे थे।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 31, 2021
सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा, " लालू-राबड़ी राज में गरीब के बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों में लगभग 4 लाख शिक्षकों की कमी थी. जब एनडीए सरकार ने दो चरणों में तीन लाख से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति की, तब लालू प्रसाद उनकी डिग्री को फर्जी बता रहे थे. लालू प्रसाद ने गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा से ऐसा वंचित किया कि लाखों युवा आरक्षण पाने लायक पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सके."
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने सीएजी (CAG) रिपोर्ट को लेकर सूबे के मुखिया सीएम नीतीश पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने सीधे तौर पर सीएम नीतीश पर जानबूझ कर 3000 करोड़ रुपये का घोटाला करवाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिहार में कुशासन और लूटतंत्र किस कदर हावी है, इसकी असलियत जानने के लिए पिछले 10 सालों की सीएजी रिपोर्ट पढ़नी चाहिए.
उन्होंने कहा कि सीएजी ने सृजन घोटाले के बारे में सालों पहले ही आगाह किया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने सब जानते हुए भी 3000 करोड़ से अधिक की लूट होने दी. बिहार सरकार के विभिन्न विभागों और बजट में इतनी वित्तीय विसंगतियां और अनियमितताएं हैं कि सीएजी हर वर्ष हमेशा उन पर सवाल खड़ा करता है.
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Source: IOCL























