Sushil Kumar Modi Profile: छात्र राजनीति, विधायक, डिप्टी CM, सांसद, ऐसा रहा सुशील कुमार मोदी का सियासी सफर
Sushil Kumar Modi Death: सुशील कुमार मोदी 2020 में पहली बार राज्यसभा सांसद बने थे. इसी साल कुछ दिन पहले उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था. फिर दोबारा मौका नहीं मिला.
Sushil Kumar Modi Died: बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे सुशील कुमार मोदी ने सोमवार (13 मई) को दिल्ली में आखिरी सांस ली. 72 वर्षीय सुशील मोदी कैंसर से पीड़ित थे. सुशील कुमार मोदी के निधन से शोक की लहर है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और लालू यादव (Lalu Yadav) से लेकर पीएम मोदी (PM Modi) तक ने दुख जताया है. जानिए सुशील कुमार मोदी का राजनीतिक सफर कैसा रहा.
छात्र कार्यकर्ता के रूप में शुरू हुआ था राजनीतिक करियर
बताया जाता है कि सुशील कुमार मोदी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पटना विश्वविद्यालय में एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में शुरू की थी. पटना के साइंस कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया था. उनकी शुरुआती शिक्षा की बात की जाए तो पटना के सेंट माइकल स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की थी.
एक-दो नहीं... तीन-तीन बार रहे विधायक
सुशील कुमार मोदी कुल तीन बार विधायक बने. पहली बार 1990, फिर 1995 और फिर 2000 में वे विधायक बने थे. 2020 में पहली बार वो राज्यसभा सांसद बने थे. हालांकि इसी साल कुछ दिन पहले उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था. इसके बाद उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया गया था.
सुशील कुमार मोदी की गिनती बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में होती है. वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे. सुशील मोदी तीन बार बिहार के डिप्टी सीएम बने थे. उनके पास वित्त सहित कई अहम विभाग थे. सुशील मोदी एक बार लोकसभा सांसद भी बने. वह जीएसटी काउंसिल के प्रमुख रहे.
जेपी आंदोलन के समय रही थी अहम भूमिका
बता दें कि वर्ष 1974 में जेपी आंदोलन के समय सुशील मोदी की अहम भूमिका रही थी. उन्होंने छात्र जीवन से ही सियासत में एंट्री की थी. 1973 से 1977 के बीच वह पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री थे. सुशील मोदी 1990 में सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए और उन्होंने 'पटना सेंट्रल' विधानसभा (अब कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र) से चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल की थी.
लगाार 19 महीने तक जेल में भी रहे सुशील कुमार मोदी
सुशील कुमार मोदी अपने राजनीतक करियर में जेल भी गए. जेपी आंदोलन और इमरजेंसी के दौरान उन्हें पांच बार गिरफ्तार किया गया. 1974 में छात्र आंदोलन के दौरान भी उन्हें एक बार गिरफ्तार किया गया था. इमरजेंसी के दौरान जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तो वह 19 महीने तक लगातार जेल में थे.
राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान 10 दिनों की जेल-यात्रा
इमरजेंसी के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्टेट सेक्रेटरी सुशील मोदी को नियुक्त कर दिया गया. सुशील कुमार मोदी ने एबीवीपी के कई अहम पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभाई है. वहीं दूसरी ओर बांकीपुर, फुलवारी, बक्सर, हजारीबाग, दरभंगा, भागलपुर जेल और पीएमसीएच कैदी वार्ड में कारा अवधि में बंद किए गए. राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान 10 दिनों की जेल-यात्रा की.
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