'हमने पत्रकारिता जगत की निडर आवाज खो दी', वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर के निधन पर मीडिया जगत में शोक
Sankarshan Thakur Demise: वरिष्ठ पत्रकार और द टेलीग्राफ के संपादक संकर्षण ठाकुर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. बिहार के गहन जानकार ठाकुर का जन्म 1962 में पटना में हुआ था.

देश के वरिष्ठ पत्रकार और द टेलीग्राफ के संपादक संकर्षण ठाकुर ने दुनिया को अलविदा कह दिया. वे कुछ दिनों से बीमारी से लड़ रहे थे. संकर्षण ठाकुर के निधन से मीडिया क्षेत्र में शोक की लहर है.
संकर्षण ठाकुर को बिहार का अद्भुत ज्ञान था. साल 1962 में पटना में जन्मे संकर्षण ठाकुर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जेवियर्स, पटना और सेंट जेवियर्स, दिल्ली से ली थी. इसके बाद उन्होंने सन् 1983 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिन्दू कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत साल 1984 में 'संडे' पत्रिका से की. फिर वे लंबे समय तक द इंडियन एक्सप्रेस और द टेलीग्राफ से जुड़े रहे. वे द टेलिग्राफ के एडिटर थे.
संकर्षण ठाकुर ने कश्मीर, बिहार और उपमहाद्वीप के सामाजिक-राजनीतिक संघर्षों पर गहन और विस्तृत रिपोर्टिंग की. उन्होंने चर्चित पुस्तक 'सबाल्टर्न साहेब' (लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक जीवनी) भी लिखी. उनकी लेटेस्ट और रचना 'द ब्रदर्स बिहारी' लालू यादव और नीतीश कुमार पर आधारित एक राजनीतिक वृत्तांत है.
पत्रकारिता के साथ-साथ संकर्षण ठाकुर ने कई गंभीर विषयों पर मोनोग्राफ पब्लिश किेए, जिनमें कारगिल युद्ध, पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश की जातिगत ऑनर किलिंग्स पर रिसर्च शामिल हैं.
पत्रकारों ने जताया दुख
सीनियर जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई ने संकर्षण ठाकुर के निधन पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने लिखा, "यह बहुत दुखद समाचार है. हमारे बेहतरीन पत्रकारों में से एक, अपने प्रिय राज्य बिहार पर बेहतरीन किताबें लिखने वाले, टेलीग्राफ के संपादक और एक सच्चे पत्रकार, संकर्षण ठाकुर का निधन हो गया. दोस्त, आपकी तीक्ष्ण अंतर्दृष्टि ने मेरे ज्ञान को हमेशा समृद्ध किया, हमारी बातचीत की मुझे हमेशा याद आएगी. ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे."
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी संकर्षण ठाकुर के निधन पर दुख व्यक्त किया. एक्स पोस्ट में लिखा गया, "वरिष्ठ पत्रकार और द टेलीग्राफ़ अख़बार के संपादक, संकर्षण ठाकुर का आज निधन हो गया. हमने पत्रकारिता जगत की एक निडर आवाज़ खो दी है. उनके तीखे राजनीतिक विश्लेषण और सत्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की हमें बहुत याद आएगी."
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Source: IOCL
























