UP Elections 2022: हार मानने को तैयार नहीं आरसीपी, यूपी में BJP से JDU को गठबंधन की दी आस, कहा- चल रही है बातचीत
ललन सिंह ने कहा, " हमने आरसीपी को कहा कि वो जल्दी निर्णय लें. अन्यथा हमने यूपी जेडीयू के अध्यक्ष को ये अधिकार दिया है कि वे 51 उम्मीदवारों की सूची जो बनाई गई है, उसे जारी कर दें."
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी ने बीते दिनों यूपी विधानसभा चुनाव (UP Elections 2022) में अकेले लड़ने का एलान किया था. बीजेपी से बात नहीं बनने के बाद पार्टी की यूपी इकाई की ओर से 18 जनवरी को लखनऊ में मीटिंग बुलाई गई थी. हालांकि, मीटिंग के बाद अब पार्टी ने सुर बदल लिया है. पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह ने बुधवार को कहा, " कल लखनऊ में पार्टी के नेताओं की बैठक हुई है. इसमें पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) भी शामिल हुए और यूपी जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष भी थे."
उन्होंने कहा, " आज इन दोनों ने आकर बैठक के बाद 51 प्रत्याशियों की जो सूची तैयार की गई है, वो सौंप दी है. आरसीपी सिंह (RCP Singh) भी बैठक में आए थे और उन्होंने ये बताया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) से बात हो रही है. सीघ्र ही उस पर निर्णय लिया जाएगा. बीजेपी के साथ जो समझौता है, उस पर वो जल्द निर्णय लेंगे."
यूपी जेडीयू के अध्यक्ष को सौंपी जिम्मेदारी
ललन सिंह ने कहा, " हमने आरसीपी को कहा कि वो जल्दी निर्णय लें. अन्यथा हमने यूपी जेडीयू के अध्यक्ष को ये अधिकार दिया है कि वे 51 उम्मीदवारों की सूची जो बनाई गई है, उसे जारी कर दें. आरसीपी को भी ये कह दिया गया है. अब हमें किस क्षेत्र में चुनाव लड़ना है, हम उस आधार पर सूची जारी करेंगे. बीजेपी ने अब तक सारे उम्मीदवारों की सूची नहीं जारी की है. वो भी अलग-अलग हिस्सों में जारी कर रही है. उसी तरह हमने भी ऐसा ही करने को कहा है, अगर बीजेपी के साथ बात नहीं बनती है तो."
जल्द बात नहीं बनने पर जारी की जाएगी सूची
उन्होंने कहा, " सूची जारी होने पर सब पता चल जाएगा. बीजेपी से बात चल रही है. 30 सीटों की सूची सौंपी जा चुकी है. आज जो सूची है वो 51 उम्मीदवारों की आई है. इसे अप्रूव करके हमने यूपी जेडीयू अध्यक्ष को फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया है. बीजेपी के साथ जल्द बात नहीं बनने पर सूची जारी कर दी जाएगी." बता दें कि नीतीश कुमार के बेहद करीबी मानें जाने वाले आरसीपी सिंह को यूपी में बीजेपी के साथ जेडीयू के गठबंधन के बाबत बातचीत के लिए अधिकृत किया गया है. ऐसे में ये उनकी प्रतिष्ठा का सवाल है. इस वजह से वे हर कोशिश कर रहे हैं कि यूपी में भी दोनों पार्टियों का साथ बिहार की तरह ही बना रहे.
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