'संसद के विशेष सत्र की मांग दरकिनार', सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर मीसा भारती का बयान
Patna News: संवेदनशील मामले पर आरजेडी सांसद मीसा भारती ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है. उन्होंने संसद के विशेष सत्र की मांग खारिज किए जाने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि सरकार पीछे हट गई.

Bihar Politics: आतंकवाद पर पाकिस्तान का चेहरा उजागर करने के लिए भारत से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की रवानगी शुरू हो गई है. विभिन्न दलों के सांसद अलग-अलग देशों में 'ऑपरेशन सिंदूर' और आतकंवाद पर भारत का मजबूती से पक्ष रखेंगे. विदेश दौरे के दौरान बताया जाएगा कि भारत पाकिस्तान की तरफ से चलाए जा रहे आतंकवादी गतिविधियों का शिकार है.
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर राजद सांसद मीसा भारती का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी. मकसद पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और भारत पाकिस्तान युद्ध विराम पर चर्चा करना था. उन्होंने कहा कि विपक्ष चाहता था कि सरकार विश्वास में लेकर आगे बढ़े. मीसा भारती ने कहा कि विपक्षी दलों की मांग स्वीकार करने से सरकार पीछे हट गई.
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर बोलीं मीसा भारती
केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक अफसर को आगे रखकर काम किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नाकामियां उजागर हुई हैं. मीसा भारत के मुताबिक संवेदनशील मामले पर प्रतिक्रिया देना अभी उचित नहीं है. राजद सांसद ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले पर बयानबाजी करना ठीक नहीं होगा. बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का विपक्ष एकजुट हो गया था.
#WATCH | Patna, Bihar: On the all-party delegation visiting key partner countries to showcase India's continued fight against terrorism, RJD MP Misa Bharti says, "... All opposition leaders had a demand that a special session of the Parliament be called, and all the opposition… pic.twitter.com/lLhYjHtSUz
— ANI (@ANI) May 21, 2025
'संसद के विशेष सत्र की मांग को सरकार ने नहीं माना'
सभी दलों की तरफ से केंद्र सरकार के पक्ष में समर्थन देने की घोषणा हुई थी. सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान को पहलगाम हमले का करारा जवाब दिया. आतंक के खिलाफ कार्रवाई से दुनिया में मजबूत और सशक्त भारत का पक्ष सामने आया. अचानक दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम से विपक्षी पार्टियां लामबंद हो गईं. विपक्ष संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग करने लगा. केंद्र सरकार ने विपक्ष की मांग को दरकिनार कर दिया.
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Source: IOCL























